
📰 खबर का सार
- चंद्रबाबू नायडू का रिएक्शन:
आंध्र प्रदेश के CM चंद्रबाबू नायडू ने ‘ऑपरेशन Sindoor’ को देश की सुरक्षा के लिए “आवश्यक और अनिवार्य कदम” बताया है। उन्होंने कहा, “अगर कोई इस ऑपरेशन की आलोचना करता है, तो क्या वो आतंकवाद का समर्थन करता है?” - राष्ट्रीय एकता का आह्वान:
उन्होंने सभी राजनैतिक दलों से कहा कि ऐसे राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में मतभेद से ऊपर उठकर एकजुटता दिखाएँ। राजीव गांधी द्वारा की गई आलोचना के जवाब में उन्होंने कहा कि देश पहले आता है, व्यक्ति बाद में। - राज्य स्तरीय तैयारियाँ:
नायडू ने सिविल सुरक्षा, अलार्म प्रणाली, मॉक ड्रिल्स, और समुद्री सुरक्षा को लेकर उच्च सतर्कता व्यवस्था की समीक्षा की। साथ ही, ट्विटर और मीडिया में गलत सूचनाओं के प्रसार से निपटने के निर्देश दिए। - दिल्ली में विशेष कंट्रोल रूम:
उन्होंने दिल्ली में AP भवन में 24×7 कंट्रोल रूम स्थापित किया, ताकि सीमा क्षेत्र या अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में मौजूद आंध्र प्रदेश के नागरिकों को तत्काल सहायता मिल सके। - परिषद की प्रतिक्रिया:
राज्य मंत्रिमंडल ने ‘ऑपरेशन Sindoor’ की सफलताओं का स्वागत करते हुए भारतीय सशस्त्र बलों के प्रति एक संकल्प पारित किया। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन का नाम जनता की भावनाओं को भड़काता है, और इससे भविष्य में सकल हित में कल्याणकारी कार्यों के लिए इसी तरह के प्रतीकों का चयन किया जा सकता है।
अन्वेषणीय प्रश्न
- क्या राज्य स्तर पर कोई अतिरिक्त सुरक्षा उपाय लागू किए गए हैं, जैसे कि मोबाइल अलर्ट या हेल्पलाइन?
हाँ, कंट्रोल रूम के अलावा, मॉक ड्रिल्स और सूचना अभियान चलाए गए हैं ताकि लोग सचेत रहें। चलिए इस पर और भी जानकारी निकालते हैं। - क्या इनमें से किसी पहल ने लक्ष्य प्राप्त किया?
मंत्रिमंडल के समर्थन और क्रियान्वयन से संबंधित जानकारी सामने आने पर अपडेट कर सकते हैं।
✍️ निष्कर्ष
CM चंद्रबाबू नायडू ने ‘ऑपरेशन Sindoor’ को न केवल एक राष्ट्रीय सुरक्षा प्रयास समझा, बल्कि इसे राज्य स्तर पर भी एक अवसर के रूप में उपयोग किया—तैयारियों, जागरूकता, और नागरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए। उन्होंने राजनीतिक एकजुटता, नियंत्रण व्यवस्था और सामाजिक जिम्मेदारी पर ज़ोर देते हुए इसे एक समग्र रणनीति बना दिया है।