
हाल ही में विदेश यात्रा से वापस लौटे ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान को वैश्विक आतंकवाद का केंद्र बताते हुए उसकी कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान केवल भारत के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए आतंकवाद और उग्रवाद का गढ़ बन चुका है। ओवैसी ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के पास मुस्लिमों या इस्लाम की बात करने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि वह खुद आतंकवाद और कट्टरपंथ का पोषण करता है।
ओवैसी ने अपनी खाड़ी देशों की यात्रा के दौरान वहां के अधिकारियों के साथ आतंकवाद, सुरक्षा और भारत-पाकिस्तान के बीच संवाद को लेकर गहन बातचीत की। उन्होंने कहा कि खाड़ी देशों ने पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए समर्थन व्यक्त किया है, जिससे यह साफ होता है कि पाकिस्तान अब अकेला पड़ चुका है।
साथ ही, ओवैसी ने भारत सरकार से पाकिस्तान के खिलाफ सख्त और ठोस कदम उठाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राजनीतिक दलों को एकजुट होना होगा, हालांकि उन्होंने यह भी साफ किया कि वे भाजपा और संघ की विचारधाराओं के खिलाफ अपनी आवाज जारी रखेंगे।हालांकि ओवैसी ने कहा कि वे भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की विचारधारा के खिलाफ अपनी आलोचना जारी रखेंगे, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा के मसलों पर राजनीतिक मतभेदों को कुछ हद तक पीछे रखना होगा।
इसके अलावा, ओवैसी ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत पर प्रधानमंत्री से विशेष संसद सत्र बुलाने की मांग की। उन्होंने इस घटना की जिम्मेदारी तय करने और इस पर संसद में खुलकर चर्चा करने पर जोर दिया, ताकि देश में आतंकवाद के खिलाफ ठोस नीतियां बनाई जा सकें।
यह बयान असदुद्दीन ओवैसी के पिछले रुख से एक बदलाव को दर्शाता है, जहां वे पहले अधिक विवादास्पद और कट्टरवादी भाषा में बात करते थे, वहीं अब राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ एक अधिक संजीदा और एकजुट अपील कर रहे हैं।