बालासोर, ओडिशा में फक़ीर मोहन (स्वायत्त) कॉलेज में जुलाई में हुई छात्रा के आत्मदाह की घटना में पुलिस ने कल रात दो और व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें एक ABVP के ओडिशा राज्य संयुक्त सचिव शुभत संदीप नायक भी शामिल हैं, जबकि दूसरा छात्र ज्योति प्रकाश बिस्वाल बताया गया है, जिसने कथित तौर पर बीच बचाव के दौरान मदद की कोशिश की थी किन्तु अब उन पर आत्मदाह के लिए उकसाने का आरोप है। इससे पहले इस मामले में आरोपी प्रोफेसर और कॉलेज के प्रिंसिपल को गिरफ्तार किया जा चुका है। यह गिरफ्तारी बताया जाता है कि घटना को और अधिक संगठित रूप देने वाले तत्वों की संलिप्तता की पुष्टि कर सकती है।
मूलतः छात्रा ने विभागाध्यक्ष के खिलाफ सेक्सुअल हैरासमेंट की शिकायत प्रशासनिक जांच समिति में दर्ज कराई थी, लेकिन मामले में कोई उचित कार्रवाई नहीं की गई। इससे हताश होकर उसने 12 जुलाई को प्रिंसिपल कार्यालय के सामने पेट्रोल छिड़ककर आत्महत्या कर ली; अस्पताल में भर्ती रहने के एक दिन बाद 14 जुलाई को उसने दम तोड़ दिया। घटना ने पूरे राज्य में गहरा आक्रोश और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए थे।
पुलिस की प्रारंभिक जांच के अनुसार, बिस्वाल ने शुरुआत में बचाव का प्रयास किया था, लेकिन बाद में उनके बयान से पता चला कि उन्होंने आत्मदाह से पहले छात्रा को प्रेरित करने वाला कहना कर दिया था। दूसरी ओर ABVP नेता के पास होने और संगठनात्मक नेता होने की वजह से इस मामले में राजनीतिक विभाजन भी गहराया है। दोनों आरोपितों को न्यायालय में पेश कर 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
साथ ही, क्राइम ब्रांच की ‘महिला एवं बालक अपराध शाखा’ (CAW&CW) ने बताया कि कॉलेज परिसर में CCTV की ‘ब्लाइंड स्पॉट’ ने जांच को प्रभावित किया है। कालेज में मौजूद सीसीटीवी अधिकांश जगहों पर था, लेकिन घटनास्थल रिकॉर्डिंग से बाहर था, जिससे घटनाक्रम को सही ढंग से पुनर्निर्मित करना मुश्किल हो रहा है। जांचकार अब नज़दीकी पेट्रोल पंपों के CCTV फुटेज और गवाहों के मोबाइल वीडियो पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
इस बीच, राज्य सरकार ने पेट्रोल की बोतलों में बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश जारी किए हैं, क्योंकि इसी तरह की घटनाओं से बालासोर और पुरि में आत्मदाह में इस्तेमाल किया गया पेट्रोल आसानी से उपलब्ध था। यह कदम आत्मदाह की घटनाओं पर रोक लगाने की दिशा में उठाया गया मानक सुधार माना जा रहा है।