
बालेन शाह ने क्यों नहीं संभाली सक्रिय भूमिका, बावजूद भारी जन समर्थन के
मुद्दा क्या है?
नेपाल में Gen-Z आंदोलन ने भ्रष्टाचार, सरकारी बर्खास्तगी, सोशल मीडिया प्रतिबंध आदि के खिलाफ सरकार के ऊपर भारी दबाव बनाया है। इस आंदोलन में बहुतायत युवा सक्रिय हैं और वे चाहते हैं कि लोग-नेता नए चेहरे सामने आएं। इस क्रम में बालेंद्र शाह (बैलेन शाह), काठमांडू के मेयर और पूर्व रैपर-इंजीनियर, आंदोलन के सबसे प्रमुख चेहरे बने हुए हैं।
क्यों पीछे हैं बालेन शाह? कारणों का विश्लेषण
आयु सीमा (Age Limit)
आंदोलन आयोजकों ने Gen-Z की परिभाषा आयु 28 वर्ष से नीचे रखी है। बालेन शाह इससे अधिक उम्र के हैं, इसलिए वे औपचारिक रूप से आंदोलन के भीतर प्रतिनिधि नहीं बन सकते।नेतृत्व और स्व-पहचान का दबाव
हालांकि लोग चाह रहे हैं कि शाह नई सरकार में भूमिका लें, उन्होंने स्वयं स्पष्ट रूप से घोषणा नहीं की है कि वे सक्रिय नेतृत्व स्वीकार करेंगे। वे ज्यादा संतुलित भूमिका में रहते हुए आंदोलन के मूल उद्देश्य—युवा आवाज़ और पारदर्शी शासन—को बनाए रखना चाहते हैं।राजनीतिक दलों से दूरी
शाह स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में राजनीति में आए हैं और उन्होंने पारंपरिक बड़े राजनीतिक दलों के साथ जुड़े नहीं। यदि वे औपचारिक नेताओं की भूमिकाएँ लेंगे, तो यह उन्हें राजनीतिक दलों की बुर्काबंदी और दबाव के अधीन कर सकता है।प्रदर्शन और संतुलन बनाए रखना
आंदोलन में हिंसा और सरकार के कठोर कदमों के बावजूद बालेन ने लोगों को संयम का आह्वान किया है। उन्होंने कहा है कि “आपके जनादेश को तोड़ना नहीं चाहिए”—यानी आंदोलन का उद्देश्य तोड़फोड़ नहीं बल्कि न्याय और बदलाव है। प्रति सरकार कार्रवाई और निरंतर संघर्ष ने शाह को सक्रिय भूमिका से पीछे हटाए रखा है ताकि आंदोलन विभाजित न हो।
कदम आगे: क्या कर सकते हैं?
शाह जैसे लोकप्रिय नेता को आंदोलन के सवालों पर बोलने का पूरा व खुला मंच मिलना चाहिए—वह सुझाव, मार्गदर्शन और समन्वय की भूमिका निभा सकते हैं।
युवा नेतृत्व को संगठनात्मक और राजनीतिक प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए ताकि वे सुधार-कारी भूमिका निभा सकें।
पारदर्शी और जवाबदेह प्रक्रियाएँ सुनिश्चित की जाएँ—जैसे कि चुनाव, न्यायिक समीक्षा, और मीडिया स्वतंत्रता का संरक्षण।