
बांगलादेश के अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने शनिवार शाम को यह स्पष्ट किया कि वह अपने पद पर बने रहेंगे। यह घोषणा उनके सलाहकारों द्वारा की गई, जिन्होंने आपातकालीन बैठक के बाद मीडिया को जानकारी दी। इससे पहले, उनके इस्तीफे की अटकलें तेज हो गई थीं, खासकर सेना और राजनीतिक दबाव के कारण।
यूनुस, जो 2024 में छात्र आंदोलन के बाद बांगलादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख बने थे, ने कहा कि वह लोकतांत्रिक सुधारों के लिए प्रतिबद्ध हैं और चुनाव 2026 से पहले कराए जाएंगे। हालांकि, विपक्षी दलों और सेना प्रमुख ने दिसंबर 2025 तक चुनाव कराने की मांग की है। यूनुस ने कहा कि चुनाव से पहले चुनाव आयोग, न्यायपालिका, मीडिया और प्रशासन में सुधार आवश्यक हैं।
उनके इस्तीफे की अटकलों के बीच, यूनुस ने कहा कि बांगलादेश में अफवाहों का माहौल है और यह “हार चुके तत्वों” की साजिश हो सकती है। उन्होंने जनता से अफवाहों के खिलाफ जागरूक रहने की अपील की है।
इस बीच, बांगलादेश के अल्पसंख्यक अधिकार समूहों ने अंतरिम सरकार पर अल्पसंख्यकों की सुरक्षा में विफल रहने का आरोप लगाया है। हालांकि, सरकार ने इन आरोपों को खारिज किया है और कहा है कि हिंसा राजनीतिक कारणों से हुई है, न कि धार्मिक।
भारत ने भी बांगलादेश की अंतरिम सरकार पर हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा में विफल रहने का आरोप लगाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 1.4 अरब भारतीय बांगलादेश में हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
कुल मिलाकर, बांगलादेश की अंतरिम सरकार के सामने राजनीतिक, सैन्य और अंतरराष्ट्रीय दबावों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, यूनुस ने अपने पद पर बने रहने का निर्णय लिया है, लेकिन उनके द्वारा किए गए सुधारों और चुनावों की दिशा में आगे की राह चुनौतीपूर्ण हो सकती है।