
राजस्थान के भीलवाड़ा जिले से एक रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना सामने आई है। जंगल में एक नवजात बच्चा पत्थरों के नीचे दबा हुआ मिला, जिसके मुंह में पत्थर ठूंसे गए थे और होंठ फेवीक्विक से चिपकाए गए थे। समय रहते एक चरवाहे ने बच्चे की आवाज सुनी और उसे बाहर निकालकर स्थानीय लोगों की मदद से अस्पताल पहुंचाया गया।
घटना बीजोलिया थाना क्षेत्र के पास स्थित सीताकुंड जंगल की है। जानकारी के मुताबिक, नवजात की उम्र करीब 10 से 15 दिन बताई जा रही है। बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत स्थिर है।
डॉक्टरों के अनुसार, बच्चे के होंठों पर गोंद के निशान थे और शरीर पर जलने के हल्के निशान भी पाए गए।
पुलिस जांच में जुटी
पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और आसपास के अस्पतालों व गांवों में प्रसव से जुड़ी जानकारी एकत्र की जा रही है। बीजोलिया थाना पुलिस क्षेत्र में लगे सीसीटीवी फुटेज और ग्रामीणों से पूछताछ कर रही है।
पुलिस का मानना है कि बच्चे को जान से मारने की नीयत से फेंका गया था, लेकिन आखिरी वक्त में उसकी रोने की हल्की आवाज ने उसकी जान बचा दी।
सामाजिक चिंता
इस घटना ने इलाके में आक्रोश और चिंता दोनों बढ़ा दी है। एक मासूम को इस तरह जंगल में फेंक देना और जान से मारने का प्रयास करना समाज की संवेदनहीनता को उजागर करता है।
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच तेज कर दी है और आरोपी की तलाश जारी है।