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“छठ पूजा के बाद हो सकते हैं बिहार विधानसभा चुनाव: मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण और पर्व-त्योहारों को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग की तैयारी”

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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियाँ जोरों पर हैं, और चुनाव आयोग द्वारा आखिरी वोटर सूची तैयार होने के बाद—विशेष रूप से छठ पूजा (25–28 अक्टूबर) के बाद—चुनाव करवाने की संभावना प्रबल होती दिख रही है। विधानसभा की मौजूदा अवधि 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रही है, इसलिए सभी प्रक्रियाएं इसी तारीख तक पूरी कर ली जानी चाहिए।

1. मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण (SIR)

चुनाव आयोग लगभग 22 वर्षों में पहली बार बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान चला रहा है। यह प्रक्रिया 25 जून से शुरू हुई, जिसमें मतदाता नाम जोड़ने, हटाने और संशोधन के लिए आवेदन लिए गए। इसके बाद ड्राफ्ट सूची 1 अगस्त को प्रकाशित हुई, और दावा-आपत्ति की अवधि 1 सितंबर तक चली। इसी के बाद 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची जारी की गई।

2. त्योहारों की अनुकूल राजनीति

चुनाव आयोग ने दिवाली (20 या 21 अक्टूबर) और छठ पूजा (25–28 अक्टूबर) को ध्यान में रखते हुए मतदान का समय तय करने का मन बनाया है। इससे मतदाताओं को धार्मिक गतिविधियों में बाधा न हो और मतदान में जनसमूह की भागीदारी बढ़े।


कई सूत्रों के अनुसार, पहले चरण का मतदान 29 या 30 अक्टूबर से शुरू हो सकता है, जिसके ठीक पहले चुनाव कार्यक्रम की घोषणा अक्टूबर के पहले सप्ताह में संभव है, इसके बाद मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट लागू हो जाएगा। नामांकन 9 अक्टूबर तक, जांच 10 को और नाम वापसी 12 अक्टूबर तक पूरी हो सकती है।

3. चुनाव दो से तीन चरणों में

पिछले चुनाव (2020) की तरह, 2025 में भी मतदान दो से तीन चरणों में आयोजित किया जा सकता है, ताकि चुनाव प्रक्रिया सुचारू और व्यवस्थित हो।

4. चुनाव आयोग की तैयारियाँ और चुनौतियाँ

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