
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से पूछा: 'आपत्तियाँ भी चुनाव के बाद ही देंगे क्या?'
चुनाव आयोग ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर कटाक्ष किया कि उन्होंने बिहार के ड्राफ्ट मतदाता सूची में सुधार या आपत्तियाँ दर्ज कराने में अब तक रुचि नहीं दिखाई है। अधिकारियों ने यह सवाल उठाया कि जब अन्य राजनीतिक दलों ने भी इस मसौदे पर आपत्ति नहीं जताई, तो राहुल गांधी अपनी आपत्तियाँ आखिर समय पर क्यों नहीं दर्ज करा रहे हैं। ऐसा प्रतीत होता है, ‘हमेशा की तरह’, कि वे इस कार्य को चुनाव के बाद के लिए छोड़णार हैं।
इस टिप्पणी का सिलसिला इसी के एक दिन पहले कांग्रेस नेता द्वारा कर्नाटक, महाराष्ट्र और हरियाणा में ‘वोट चोरी’ के आरोप लगाने के बाद शुरू हुआ। मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने उनसे नियमों के अनुसार शपथ-पत्र जमा करके मतदाता सूची में संदिग्ध नामों की विस्तृत सूची पेश करने को कहा था।
राहुल गांधी ने बिहार में SIR (विशेष गहन पुनरीक्षण) को गरीबों के मताधिकार को हाशिए पर डालने और चुनाव आयोग की भाजपा से मिलीभगत का संरचनात्मक प्रयास बताया है। उन्होंने दावा किया कि यह पुनरीक्षण इसलिए किया जा रहा है क्योंकि चुनाव आयोग को यह पता है कि कांग्रेस उन गड़बड़ियों को पकड़ चुकी है।