बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर महागठबंधन में सीट बंटवारे की खींचतान तेज हो गई है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव कांग्रेस को 50 से अधिक सीटें देने को तैयार नहीं हैं, जबकि कांग्रेस का दावा है कि इस बार पार्टी को कम से कम 70 सीटें मिलनी चाहिए। दोनों दलों के बीच तनातनी के बीच अब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव एक नया ‘फॉर्मूला’ निकालने की कोशिश में जुट गए हैं।
कांग्रेस को चाहिए ज्यादा सीटें, RJD कह रही “इतना नहीं चलेगा”
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस बिहार में अपनी राजनीतिक हैसियत बढ़ाने के उद्देश्य से 70+ सीटों की मांग कर रही है, जबकि लालू यादव की स्पष्ट राय है कि कांग्रेस की जमीनी पकड़ वैसी नहीं रही, इसलिए उन्हें 50 से अधिक सीटें नहीं दी जा सकती। तेजस्वी यादव भी पिता के रुख पर कायम हैं।
महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर यही मुद्दा सबसे बड़ा गतिरोध बना हुआ है।
लालू यादव का रुख
लालू यादव ने कांग्रेस नेतृत्व को साफ संदेश दिया है:
“2020 में भी आपने ज्यादा सीटें लीं और नतीजा सबके सामने है। इस बार ज़मीनी हकीकत के आधार पर ही बंटवारा होगा।”
2020 के चुनाव में कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन केवल 19 सीटें जीत पाई थी।
अखिलेश यादव बन सकते हैं ‘सेतु’
सूत्र बताते हैं कि समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, जो महागठबंधन के एक अहम चेहरे हैं, अब मध्यस्थता की भूमिका में आ सकते हैं। वह एक ऐसा सीट बंटवारा फॉर्मूला सुझाने की कोशिश कर रहे हैं जिसमें RJD, कांग्रेस और वाम दलों को सम्मानजनक हिस्सेदारी मिल सके।
कहा जा रहा है कि अखिलेश 2024 के लोकसभा चुनाव में INDIA गठबंधन के अनुभव के आधार पर एक संतुलित प्रस्ताव तैयार करेंगे।
आगे क्या?
- 17 अक्टूबर को पटना में महागठबंधन की बड़ी बैठक होनी है।
- कांग्रेस अंतिम प्रयास करेगी कि ज्यादा सीटें मिलें या कम से कम CM चेहरे पर भी उसे कुछ स्पेस दिया जाए।
- अगर सहमति नहीं बनी, तो कांग्रेस अलग चुनाव लड़ने का विकल्प भी देख सकती है।