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खगड़िया में अलीक हटाएं! भगवान राम व माता सीता के नाम आवासीय प्रमाण‑पत्र आवेदन पर FIR दर्ज

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बिहार के खगड़िया जिले में ई-गवर्नेंस की व्यवस्था उस समय मज़ाक का पात्र बन गई जब जिले के विभिन्न अंचलों—चौथम, गोगरी और खगड़िया से भगवान राम, माता सीता, कौआ, मैना, और यहाँ तक कि “A”, “B”, “C”, “D” जैसे काल्पनिक नामों से आवासीय प्रमाण पत्र (Residence Certificate) के लिए ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए।

यह मामला उस समय सार्वजनिक रूप से उजागर हुआ जब चौथम अंचल कार्यालय में ड्यूटी पर तैनात कर्मियों ने जब नियमित आवेदन जांचे तो कुछ नाम देखकर हैरान रह गए। शुरुआत में इसे तकनीकी त्रुटि माना गया, लेकिन जब पैटर्न स्पष्ट हुआ कि कई नाम जानबूझकर अजीब और धार्मिक/पौराणिक पात्रों के हैं, तब सीओ (Circle Officer) ने मामले को गंभीर मानते हुए विवेचना और प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया।

डिजिटल सिस्टम की कमजोरी उजागर

बिहार में सरकारी दस्तावेजों की ऑनलाइन प्रणाली को पारदर्शिता और भ्रष्टाचार-मुक्त व्यवस्था के रूप में पेश किया जाता है। लेकिन यह घटना दर्शाती है कि यह प्रणाली कितनी असुरक्षित है और बिना उचित वेरिफिकेशन के कोई भी व्यक्ति मनमर्जी से आवेदन कर सकता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि आधार कार्ड, मोबाइल OTP और अन्य दस्तावेजों के बिना कोई प्रमाण-पत्र जारी नहीं हो सकता, लेकिन आवेदन की अनुमति देना ही सिस्टम की पहली चूक है। यदि प्रारंभिक चरण में ही नाम और अन्य विवरणों की जांच सख्ती से की जाती तो यह स्थिति न आती।

प्रशासन ने लिया संज्ञान, FIR दर्ज

चौथम के सीओ ने तत्काल मामले को जिला प्रशासन के समक्ष रखा, जिसके बाद एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। FIR में जानबूझकर सरकारी प्रणाली का दुरुपयोग करने, धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ करने और प्रशासनिक व्यवस्था का मज़ाक उड़ाने के आरोप लगाए गए हैं।

अब प्रशासन की IT टीम इन आवेदनों के पीछे IP एड्रेस और मोबाइल नंबर की जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस फर्जीवाड़े के पीछे कौन लोग हैं। सूत्रों की मानें तो कुछ आवेदनों में मोबाइल नंबर भी फर्जी या अज्ञात सिम से लिंक पाए गए हैं।

क्या बोले अधिकारी?

सीओ चौथम ने मीडिया को बताया,

“हमने जांच के बाद पाया कि ये आवेदन किसी मज़ाक या साजिश के तहत किए गए हैं। यह केवल भगवान राम और माता सीता के नाम पर ही नहीं, बल्कि कौआ, मैना जैसे पक्षियों के नाम पर भी हैं। ऐसे किसी भी प्रयास को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। संबंधित धाराओं में FIR दर्ज कर ली गई है और जांच जारी है।”

धार्मिक भावना बनाम साइबर शरारत

यह मामला केवल प्रशासनिक असावधानी का नहीं बल्कि धार्मिक भावनाओं से भी जुड़ा हुआ है। भगवान राम और माता सीता जैसे पूजनीय नामों का इस तरह के आवेदन में उपयोग करना लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचा सकता है।

कुछ धार्मिक संगठनों ने इसपर नाराज़गी जताई है और ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

आगे की कार्रवाई

जिला प्रशासन ने सभी अंचलों को सख्त निर्देश दिए हैं कि ऑनलाइन आवेदनों की मैन्युअल स्क्रूटनी भी की जाए।

IT विभाग को जांच सौंपी गई है ताकि दोषियों की पहचान कर न्यायिक कार्रवाई की जा सके।

भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों इसके लिए आधार लिंकिंग, OTP वेरिफिकेशन और नाम-जांच की स्वचालित प्रणाली लागू करने की सिफारिश की जा रही है।

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