
पटना के बहुचर्चित कारोबारी गोपाल खेमका हत्याकांड में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। चार जुलाई की रात खेमका की उनके आवासीय परिसर के गेट पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में अब यह साफ हो गया है कि हत्या की योजना पहले से रची गई थी और इसके लिए 10 लाख रुपये की सुपारी दी गई थी।
सुपारी किलिंग की साजिश:
इस हत्या के पीछे गहरी साजिश थी। मुख्य आरोपी उमेश यादव उर्फ विजय, जो पटना सिटी का रहने वाला है, ने यह स्वीकार किया है कि उसे सुपारी के रूप में एक लाख रुपये एडवांस में दिए गए थे और बाकी राशि हत्या के बाद मिलने वाली थी। उमेश ने ही इस हत्या को अंजाम देने के लिए अन्य शूटरों से संपर्क किया।
पुलिस की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि उमेश ने इस पूरी साजिश की योजना बनाई और उसके सहयोगी विकास उर्फ राजा ने हथियारों की व्यवस्था की थी।
राजा की एनकाउंटर में मौत:
पुलिस जब विकास उर्फ राजा को पकड़ने गई, तो उसने फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली से राजा मारा गया। राजा की भूमिका इस केस में अहम मानी जा रही है, क्योंकि उसी ने उमेश और अन्य शूटरों को हथियार उपलब्ध कराए थे।
छापेमारी और पूछताछ:
पटना पुलिस और एसआईटी की टीम ने उमेश की गिरफ्तारी के बाद कई ठिकानों पर छापेमारी की। पूछताछ में यह भी सामने आया कि हत्या से पहले रेकी की गई थी और पूरी योजना प्रोफेशनल अंदाज़ में बनाई गई थी। उमेश के अलावा तीन और संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है, जिनसे पूछताछ जारी है।
मास्टरमाइंड की तलाश:
अब पुलिस इस केस के असली मास्टरमाइंड की तलाश कर रही है। शुरुआती जांच में यह अंदेशा जताया जा रहा है कि हत्या के पीछे कारोबारी रंजिश या जमीन विवाद हो सकता है। फिलहाल पुलिस कई एंगल से इस मामले की जांच कर रही है और जल्द ही मुख्य साजिशकर्ता को भी गिरफ्तार किए जाने की संभावना है।