
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ज़र्दारी ने 2 जुलाई 2025 को आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भारत से खिंचाव कम कर आतंकवाद के खिलाफ साझा प्रयास करने की अपील की। उन्होंने माना कि भारत-पाकिस्तान विरोधी नहीं हैं और आतंकियों से निपटने के लिए दोनों देशों को मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने साफ कहा: “पानी को हथियार न बनाएं और हिमालय जितनी मजबूत शांति की नींव रखें।”
यह बयान उस समय आया जब भारत ने अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty, IWT) को निलंबित कर दिया था। ज़र्दारी ने कहा कि इस संधि को बखूबी वैश्विक विरासत समझकर संभाला जाना चाहिए—यह कोई कमजोरी नहीं, बल्कि दूरदर्शिता है। उन्होंने भारत से आग्रह किया कि वह आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में आगे आए और आपने साझा क्षेत्रीय हितों को मद्देनज़र रखते हुए सामान्य पड़ोसी संबंध बनाए रखें।
उन्होंने तालिबान पर भी निशाना साधा और कहा कि अफगान आतंकवाद को प्रतिबंधित करना चाहिए ताकि हथियारों की तस्करी रोकी जा सके।
पार्श्वभूमि व तनाव का हाल:
- भारत ने 23 अप्रैल 2025 को पहलगाम हमले (26 नागरिकों की मौत) के बाद IWT निलंबित कर दी थी, साथ ही कूटनीतिक संबंध घटा लिए, वीज़ा बंद कर दी और सीमा नियंत्रण कड़ा किया ।
- पाकिस्तान ने इस कदम को “अविश्वसनीय”, “अपरिपक्व” और “अमानवीय” करार दिया—विशेषकर क्लाइमेट चेंज जैसी वैश्विक चुनौतियों के समय में ऐसा कहा जाना “नैतिक रूप से गलत” बताया ।
- मई में ज़र्दारी ने संसद में कहा कि यह निलंबन “मानवता के खिलाफ अपराध” है, इससे लाखों लोग पानी और जीवन के आधार से वंचित होंगे ।
नियंत्रित कूटनीतिक भाव:
खून बहाने की कड़वी धमकियों (जैसे कि April में “या पानी बहेगा या उनका खून” जैसे बयान) के बाद, ज़र्दारी ने टोन नरम किया और शांति व संवाद की राह चुनी, जो पड़ोसी देशों की सामान्य स्थिति के अनुरूप था