
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के रुझान बताते हैं कि बीजेपी अब सिर्फ सियासी गठबंधन में भागीदार नहीं, बल्कि प्रमुख और मजबूत घटक बनती जा रही है। एनडीए के सीट शेयरिंग फॉर्मूले में बीजेपी और जेडीयू को 101‑101 सीटें दी गई हैं, जो शक्ति संतुलन की नई तस्वीर पेश करता है।
विश्लेषकों का कहना है कि बीजेपी की रणनीति में बदलाव आया है — वह अब निचले तबके (गरीब और पिछड़े वर्ग) में भी अपनी पकड़ बढ़ा रही है। इससे लग रहा है कि पार्टी सिर्फ पारंपरिक वोट बैंक पर निर्भर नहीं रहना चाहती, बल्कि एक व्यापक जनाधार तैयार कर रही है।
प्रारंभिक एग्जिट पोल्स में एनडीए को स्पष्ट बढ़त देखी जा रही है, जो इस “सैफ्रन स्वीप” की संभावना को मजबूत करता है।
राजनीतिक विश्लेषण में यह भी कहा गया है कि बिहार अब जाति‑समीकरण की राजनीति से बढ़कर महिला‑युवा (MY) समीकरण और विकास‑प्रधान राजनीति की दिशा में बढ़ रहा है।



