दिल्ली के धौला कुआं इलाके में हुए दर्दनाक BMW एक्सीडेंट मामले में अब एक बड़ा एक्शन लिया गया है। दिल्ली पुलिस ने इस मामले की मुख्य आरोपी गगनप्रीत मक्कड़ को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया है। इस हादसे में वित्त मंत्रालय के डिप्टी सेक्रेटरी नवजोत सिंह की मौत हो गई थी और उनकी पत्नी संदीप कौर समेत तीन अन्य लोग घायल हुए थे।
FIR के अनुसार, गगनप्रीत अपनी BMW X7 कार को तेज गति और लापरवाही से चला रही थीं। हादसे के समय गाड़ी में उनके पति और दो छोटे बच्चे भी सवार थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, गाड़ी का नियंत्रण अचानक बिगड़ गया और सीधी टक्कर नवजोत सिंह की मोटरसाइकिल से हुई, जिससे वे और उनकी पत्नी सड़क पर गिर पड़े। इसके बाद BMW कार एक डिवाइडर और फिर एक बस से जा टकराई।
सबसे बड़ा आरोप यह है कि हादसे के बाद नवजोत सिंह ज़िंदा थे, लेकिन उन्हें नजदीकी सरकारी अस्पताल की बजाय करीब 19 किलोमीटर दूर एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जिससे इलाज में देरी हुई। संदीप कौर ने पुलिस को बताया कि वह लगातार गुहार लगाती रहीं कि पति को तुरंत किसी अस्पताल में भर्ती कराया जाए, लेकिन आरोपी पक्ष ने मदद नहीं की।
FIR में आरोपी पर गैर इरादतन हत्या (culpable homicide not amounting to murder), लापरवाही से जान लेने और सबूत मिटाने की धाराएँ लगाई गई हैं। यह भी संदेह जताया गया है कि हादसे के बाद सबूतों से छेड़छाड़ करने की कोशिश हुई, जैसे कि गाड़ी की GPS लोकेशन डेटा को मिटाना या मोबाइल रिकॉर्डिंग हटाना।
इस मामले में FSL (फॉरेंसिक साइंस लैब) की टीम को घटना स्थल पर भेजा गया है। सड़क पर टायर के निशान, कार की स्पीड, और घटनास्थल की सभी वस्तुओं की जांच की जा रही है। साथ ही, कई CCTV फुटेज को भी खंगाला गया है जिनसे यह स्पष्ट हो रहा है कि हादसे से पहले और बाद में कार की गति काफी अधिक थी।
पुलिस ने आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और उनके पति से भी पूछताछ की जा रही है, यह पता लगाने के लिए कि हादसे के बाद किसने निर्णय लिया कि पीड़ितों को कहां ले जाया जाए।
इस बीच, नवजोत सिंह का परिवार और सहयोगी काफी आक्रोशित हैं। उनका कहना है कि अगर समय पर इलाज हुआ होता तो नवजोत की जान बचाई जा सकती थी।
यह मामला अब केवल एक सड़क दुर्घटना नहीं, बल्कि कानूनी और नैतिक रूप से एक गंभीर चूक के रूप में देखा जा रहा है। जांच अभी जारी है और दिल्ली पुलिस ने कहा है कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
