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“क्या अमेरिका और जापान में बढ़ती बॉन्ड यील्ड से डगमगाएगी वैश्विक अर्थव्यवस्था?”

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🔍 क्या है बॉन्ड यील्ड?

जब कोई सरकार या कंपनी बॉन्ड जारी करती है (यानी लोगों से उधार लेती है), तो वह उस पर एक निश्चित रिटर्न (ब्याज) देती है। यही बॉन्ड यील्ड कहलाती है। अगर यील्ड बढ़ती है, तो इसका मतलब है कि सरकार को लोगों से उधार लेने के लिए ज्यादा ब्याज देना पड़ रहा है — और यह दर्शाता है कि निवेशक ज्यादा जोखिम महसूस कर रहे हैं।


🌍 अमेरिका और जापान में क्या हो रहा है?


💥 इसका दुनिया पर क्या असर पड़ेगा?

  1. वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता बढ़ेगी:
    जब बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में बॉन्ड यील्ड बढ़ती है, तो दुनियाभर के निवेशक शेयर बाजार से पैसा निकालकर सुरक्षित सरकारी बॉन्ड में निवेश करने लगते हैं। इससे शेयर बाजार गिर सकते हैं।
  2. मंहगाई और कर्ज महंगा:
    बढ़ती यील्ड का मतलब होता है कि बैंकों को भी ब्याज दरें बढ़ानी पड़ेंगी। इससे आम लोगों के लिए लोन, क्रेडिट कार्ड, घर खरीदना महंगा हो जाएगा।
  3. विकासशील देशों से पूंजी पलायन:
    भारत जैसे देशों में विदेशी निवेश कम हो सकता है क्योंकि निवेशक अमेरिका में सुरक्षित और उच्च रिटर्न वाले बॉन्ड की ओर भागेंगे। इससे रुपये की वैल्यू पर दबाव आएगा।

🇮🇳 भारत की स्थिति क्या है?


🔚 निष्कर्ष:

अमेरिका और जापान में बढ़ती बॉन्ड यील्ड दुनियाभर के लिए चिंता का कारण है। यह आर्थिक मंदी, शेयर बाजार में गिरावट और महंगाई जैसे असर ला सकती है। भारत फिलहाल स्थिर स्थिति में है, लेकिन लंबे समय तक ये दबाव बना रहा तो सरकार और रिज़र्व बैंक को सख्त आर्थिक फैसले लेने पड़ सकते हैं।

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