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SC के नए आदेश के बाद दिल्ली में BS-3 और BS-4 वाहनों पर रोक

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दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के बीच सुप्रीम कोर्ट ने BS-3 और BS-4 से नीचे वाले वाहनों पर सख्त रोक के लिए अपने आदेश में बड़ा बदलाव किया है। इसके तहत अब राजधानी में केवल BS-6 मानक वाले, CNG या इलेक्ट्रिक वाहनों को ही प्रवेश की अनुमति दी जाएगी, जबकि BS-3 और BS-4 स्तर के पुराने इंजन वाले वाहनों की एंट्री पर पाबंदी लागू रहेगी। ये कदम वायु गुणवत्ता को सुधारने और स्वास्थ्य संकट को रोकने की कोशिश में उठाए गए हैं।

दिल्ली की हवा की गुणवत्ता लगातार ‘सेवियर प्लस’ श्रेणी में बनी हुई है, जिसके कारण Graded Response Action Plan (GRAP) Stage III और Stage IV जैसे कड़े उपाय लागू किए गए हैं। इन उपायों के तहत BS-3 और BS-4 वाहनों का संचालन न केवल प्रतिबंधित है, बल्कि शहर में प्रवेश करने वाले गैर-BS-6 निजी वाहन भी अब प्रवेश नहीं कर पाएंगे। इन नियमों को लागू करने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने बॉर्डरों पर निगरानी और कड़ी तलाशी बढ़ा दी है और उल्लंघन करने पर भारी जुर्माने भी लगाए जा रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा अपने पुराने आदेश में संशोधन करते हुए कहा गया है कि अब BS-3 या उससे पुराने वाहनों पर कार्रवाई की जा सकती है। इससे पहले अगस्त 2025 में कोर्ट ने 10 साल से अधिक पुराने डीजल और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों पर तत्काल जुर्माना और जब्ती न करने का निर्देश दिया था, लेकिन अब कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि उच्च प्रदूषण स्तर को देखते हुए BS-III जैसे प्राचीन वाहनों को छूट नहीं दी जाएगी

नए नियमों के तहत अब दिल्ली में BS-6 मानक वाले वाहनों की आवाजाही प्राथमिकता में रहेगी, क्योंकि BS-6 इंजन वाले वाहन पुराने BS-4 और BS-3 के मुकाबले बहुत कम हानिकारक गैसें उत्सर्जित करते हैं। साथ ही CNG और इलेक्ट्रिक वाहन भी इन प्रतिबंधित नियमों से मुक्त रहेंगे, जिससे प्रदूषण पर नियंत्रण में मदद मिलने की उम्मीद है।

इन नीतिगत फैसलों से राजधानी में आम वाहनों के मालिकों में मिश्रित प्रतिक्रिया देखी जा रही है। कुछ लोग मानते हैं कि इन प्रतिबंधों से वायु गुणवत्ता में निश्चित रूप से सुधार आएगा और लोगों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, जबकि कई छोटे वाहन मालिकों का कहना है कि नई पाबंदियाँ उनके लिए आर्थिक रूप से कठिन हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए यह एक कठोर लेकिन आवश्यक कदम है, क्योंकि वाहन उत्सर्जन दिल्ली के वायु प्रदूषण का एक बड़ा कारण हैं।

दिल्ली सरकार और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) भी लगातार निर्देश जारी कर रहे हैं कि यदि वाहनों में PUC (Pollution Under Control) सर्टिफिकेट मान्य नहीं है, तो किसी भी वाहन को पेट्रोल या डीजल उपलब्ध नहीं कराया जाएगा जिससे प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को चलने से रोका जा सके। इसके साथ ही अधिकारियों ने आम जनता से आग्रह किया है कि वे प्रदूषण के समय घर से निकलते समय या विदेश यात्रा पर निकलने से पहले अपने वाहनों का BS मानक और PUC जांच जरूर कर लें ताकि किसी तरह की कानूनी परेशानी और जुर्माने से बचा जा सके।

नए नियमों के लागू होने के साथ ही दिल्ली की सड़कों पर BS-3 और BS-4 इंजन वाले पुराने प्रदूषणकारी वाहनों की संख्या कम होने की उम्मीद जताई जा रही है, जिससे दीर्घकालिक रूप से राजधानी में स्वच्छ वायु और बेहतर जीवन गुणवत्ता की दिशा में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।

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