
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में अवैध धर्मांतरण के गंभीर आरोपों में फंसे छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन के खिलाफ प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है। मंगलवार को प्रशासन की टीम ने बाबा की करोड़ों की लागत से बनी आलीशान कोठी पर बुलडोजर चलाकर उसे ध्वस्त कर दिया।
यह कार्रवाई उस समय की गई जब एटीएस की टीम ने छांगुर बाबा और उसकी महिला सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को गिरफ्तार किया था। दोनों पर गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को लालच, धोखे और धमकी देकर धर्मांतरण कराने का आरोप है। बताया जा रहा है कि यह गिरोह विदेशों से फंड लेकर योजनाबद्ध तरीके से धर्मांतरण का अभियान चला रहा था।
100 करोड़ का फंड, विदेशी कनेक्शन
जांच एजेंसियों के अनुसार, इस गिरोह ने अब तक 100 करोड़ रुपये से अधिक का फंड एकत्र किया है, जिसमें विदेशी खातों से फंडिंग के प्रमाण भी मिले हैं। आरोपी जमालुद्दीन ने अपनी पहचान छांगुर बाबा के रूप में बनाई थी और बलरामपुर के साथ-साथ अन्य जिलों में भी लोगों को बहलाकर धर्म बदलवाने की कोशिश कर रहा था। उसके कई धार्मिक देशों की यात्रा करने और वहां से आर्थिक सहयोग पाने के सबूत मिले हैं।
कोर्ट से भी नहीं मिली राहत
छांगुर बाबा की सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एफआईआर रद्द करने की याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने ATS द्वारा की गई एफआईआर को सही ठहराते हुए मामले की गंभीरता को देखते हुए कार्रवाई जारी रखने का निर्देश दिया।
सम्पत्ति जांच में जुटा प्रशासन
जिला प्रशासन ने अब छांगुर बाबा की पूरी संपत्ति—जिसमें जमीन, भवन, बैंक खाते और अन्य चल-अचल संपत्तियां शामिल हैं—की जांच शुरू कर दी है। ED भी अब इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की कड़ी से जांच कर रही है। आशंका जताई जा रही है कि धर्मांतरण के इस नेटवर्क का जाल कई राज्यों तक फैला हुआ है।
गिरोह का काम करने का तरीका
एटीएस की रिपोर्ट के अनुसार, यह गिरोह कमजोर वर्गों को निशाना बनाता था—जैसे गरीब, मजदूर, विधवाएं और बीमार लोग। उन्हें नौकरी, शादी, इलाज या आर्थिक सहायता का लालच देकर धर्मांतरण कराया जाता था। कई मामलों में धमकी और मानसिक दबाव की भी शिकायतें मिली हैं।
सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति
इस पूरे मामले में योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति दिखाई दे रही है। अवैध निर्माण और धर्मांतरण के मामलों में प्रशासन सीधे बुलडोजर कार्रवाई कर रहा है। बलरामपुर में हुई यह कार्रवाई उसी नीति का हिस्सा है और आगे भी ऐसे आरोपियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने के संकेत मिल रहे हैं।