भारत‑विदेश मामलों के मंत्रालय (MEA) ने पुष्टि की है कि अमेरिका ने भारत को इरान के चाबाहर पोर्ट पर लागू होने वाले प्रतिबंधों से छह महीने की अस्थायी छूट दी है। यह निर्णय अमेरिका द्वारा उस पोर्ट से जुड़ी गतिविधियों पर दाईं जानी वाली सख़्त नीति के परिप्रेक्ष्य में आया है।
चाबाहर पोर्ट भारत के लिए एक अहम रणनीतिक स्थल है — यह अफ़ग़ानिस्तान व मध्य एशिया तक पहुँचने का माध्यम प्रदान करता है और पाकिस्तान पार्श्व की बाधाओं को दरकिनार करता है। इस छूट के तहत भारत अपनी गतिविधियाँ, संचालन‑विकास कार्य जारी रख सकेगा बिना अमेरिका द्वारा संभावित दंड‑कार्रवाई के डर के।
हालाँकि, यह छूट “स्थायी” नहीं कही गई है — यह अस्थायी अवधी के लिए है, जिससे भारत‑इरान प्रोजेक्ट को कुछ समय की राहत मिलती दिख रही है। जानकारों का मानना है कि यह अमेरिका की नीति‑परिवर्तन का संकेत हो सकता है, खासकर जब अमेरिका‑इरान संबंध, वैश्विक प्रतिबंध और रणनीतिक आर्थिक हितों की जटिलताओं से गुज़र रहे हैं।
भारत इस फैसले को अपने रणनीतिक हितों की दृष्टि से देख रहा है — इसके तहत चाबाहर पोर्ट से जुड़े निवेश, लॉजिस्टिक्स और भविष्योन्मुखी कनेक्टिविटी योजनाओं पर असर पड़ सकता है। इस पर सरकार ने अपना लोकतांत्रिक अनुमोदन घोषित किया है और आगे के विकल्पों‑परिस्थितियों का आकलन कर रही है।

