
चीन ने सोमवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 6 जुलाई 2025 को तिब्बती धार्मिक नेता दलाई लामा को उनकी 90वीं जयंती पर बधाई देने के बाद कड़ी आपत्ति जताई। चीन की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि भारत को ‘तिब्बत-संबंधी मामलों में हस्तक्षेप’ बंद करना चाहिए और उनकी भावनात्मक संवेदनशिलता का सम्मान करना चाहिए ।
चीन ने दलाई लामा को एक ‘राजनीतिक निर्वासित’ बताते हुए उनके जन्मदिन की बधाई को न्यू दिल्ली द्वारा चीन की आंतरिक मामलों में दखल करार दिया। माओ ने कहा कि भारत को तिब्बत के विषय में चीन की ‘स्पष्ट और लगातार स्थिति’ समझनी चाहिए ।
वहीं, भारत सरकार ने चीन की आलोचना का पलटवार किया है, यह बताते हुए कि दलाई लामा को भारत में एक सम्मानित धार्मिक नेता के रूप में देखा जाता है और PM मोदी की शुभकामनाएँ ‘सरकारी नीति के अनुरूप’ हैं । विदेश मंत्रालय ने भी कहा कि यह एक ‘सतत नीति’ है और इसे ‘संदर्भ के व्यापक परिप्रेक्ष्य’ में समझना चाहिए ।
दरअसल, दलाई लामा 6 जुलाई 2025 को धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश में 90 वर्ष के हो गए। इस अवसर पर उन्हें प्रधानमंत्री मोदी और कई विश्व प्रसिद्ध हस्तियों ने बधाई दी ।
चीन का मानना है कि दलाई लामा ‘खुद को अलगाववादी नेता’ के रूप में पेश करते हैं और उसका उत्तराधिकारी चीन की मंजूरी के बिना नहीं चुना जाना चाहिए। वहीं, दलाई लामा और भारत सरकार का मानना है कि उनका उत्तराधिकारी स्वतंत्र रूप से पुनर्जन्म प्रक्रिया के जरिए चुना जाएगा ।