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चिराग पासवान की चुनावी रणनीति: क्या बिहार की सत्ता की चाबी फिर से ढूंढ रहे हैं?

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बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों की सरगर्मियाँ तेज़ हो गई हैं, और इस बार की चर्चा का केंद्र बने हैं केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान। उनकी पार्टी, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), ने पहले ही 30 विधानसभा सीटों के लिए दावेदारी प्रस्तुत की है। अब, चिराग के एक हालिया बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। उन्होंने कहा है, “यदि मेरी पार्टी तैयार है, तो मैं चुनाव लड़ने के लिए तैयार हूँ।”


📌 चुनावी दावेदारी:
चिराग पासवान ने पहले कभी भी सामान्य सीटों से चुनाव नहीं लड़ा। वे हमेशा अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित सीटों से ही चुनावी मैदान में उतरे हैं। लेकिन अब, पार्टी के बिहार प्रभारी अरुण भारती ने चिराग से अपील की है कि वे आगामी विधानसभा चुनावों में सामान्य सीट से चुनाव लड़ें। उनका मानना है कि चिराग की अपील जाति की सीमाओं से परे है और वे बिहार के सभी वर्गों के लिए आशा की किरण बन सकते हैं।


🤝 एनडीए में वापसी:
चिराग पासवान ने 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में वापसी की थी। उन्होंने कहा था कि भाजपा के साथ समझौते के बाद ही उनकी पार्टी ने NDA में शामिल होने का निर्णय लिया।


⚠️ गठबंधन में तनाव:
हालांकि चिराग की दावेदारी ने NDA में उत्साह का संचार किया है, लेकिन कुछ सहयोगी दलों में असंतोष भी देखा जा रहा है। उपेन्द्र कुशवाहा ने चेतावनी दी है कि यदि गठबंधन में सभी घटक दलों के हितों का ध्यान नहीं रखा गया, तो इससे गठबंधन में दरार आ सकती है।


📅 आगामी कार्यक्रम:
चिराग पासवान आगामी 8 जून को भोजपुर जिले के आरा में एक बड़ी रैली, ‘नव संकल्प महासभा’, आयोजित करने जा रहे हैं। इस रैली में वे अपनी चुनावी रणनीति और भविष्य की योजनाओं का खुलासा कर सकते हैं।


🔍 निष्कर्ष:
चिराग पासवान की यह नई रणनीति उनके राजनीतिक भविष्य के लिए महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है। यदि वे सामान्य सीट से चुनावी मैदान में उतरते हैं, तो यह उनके नेतृत्व की क्षमता और बिहार की राजनीति में उनकी बढ़ती भूमिका को दर्शाता है।

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