मुख्य न्यायाधीश भारत रत्न बी.आर. गावई (CJI Gavai) ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली‑एनसीआर में आवारा कुत्तों को शेल्टर में स्थानांतरित करने के आदेश पर दोबारा विचार किए जाने की संभावना जताई है। इस आदेश—जो सोमवार, 11 अगस्त 2025 को पारित हुआ—में पूरे क्षेत्र से सभी आवारा कुत्तों को हटाकर शेल्टरों में रखने का निर्देश दिया गया था ।
जब एक वकील ने इस मामले को CJI के सामने रखा, तो उन्होंने कहा कि इससे पहले एक अन्य बेंच ने इस मुद्दे पर पहले ही आदेश जारी किए थे, जिसमें कुत्तों की पीड़ा और सत्ता‑विहीनता को ध्यान में रखते हुए “क्रूरता के बिना” व्यवहार और पूर्व में लागू आदेशों का पालन अनिवार्य किया गया था ।
साथ ही इस आदेश के पश्चात देशभर में प्रतिक्रिया तेज हुई—पशु अधिकारियों, समाज कार्यकर्ताओं तथा आम जनता के कई वर्गों ने इस आदेश को अमानवीय, अव्यावहारिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के विरुद्ध बताया है ।
CJI ने स्पष्ट कर दिया कि वे इस आदेश पर “गौर करेंगे”—इससे यह अपेक्षित हो रहा है कि सुप्रीम कोर्ट कहीं न कहीं अपनी स्थिति पर पुनर्विचार कर सकता है