बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है, जिससे महागठबंधन को बड़ा राजनीतिक झटका लग सकता है। Rahul Gandhi द्वारा समर्थित “वोट चोरी” अभियान ने चुनाव परिणामों पर खास असर नहीं डाला, वहीं महागठबंधन के भीतर सीट-बंटवारे और रणनीति की कमियाँ भी सामने आई हैं।
कांग्रेस ने इस चुनाव में करीब 60 से अधिक सीटों पर ताल ठोक ली थी, लेकिन जमीनी स्तर पर केवल 5 सेवाओं पर बढ़त बना पाई है। इसके कारण राजनीति में यह चर्चा है कि— महागठबंधन में लालू-परिवार की RJD के बाद कांग्रेस की भूमिका कमजोर हो गई है।
प्रमुख कारण
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महागठबंधन के अंदर सही ताल-मेल नहीं दिखा; करीब 12 सेटों पर फ्रेंडली-फाइट (साथ के दलों के बीच मुकाबला) हुई।
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राहुल गांधी द्वारा उठाया गया “वोट चोरी” मुद्दा इस चुनाव में स्थानीय मुद्दों के बीच खो गया और वोटर्स उसे पर्याप्त रूप से नहीं अपनाए।
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एनडीए की ओर से महिलाओं को एकमुश्त लाभ देने जैसे लॉंच किए गए प्रैक्टिकल इंसेन्टिव्-पैकेज ने वोटर आकर्षित किया, जिससे विपक्षी जमीन पर कमजोर दिखे।
