उत्तर प्रदेश पुलिस में मैनपुरी जिले में तैनात डिप्टी एसपी ऋषिकांत शुक्ला को अवैध संपत्ति बनाने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि शुक्ला और उनके करीबी सहयोगियों के नाम पर लगभग 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति पाई गई है, जो उनकी घोषित आय से कहीं अधिक है।
सूत्रों के अनुसार, शुक्ला ने अपनी तैनाती के दौरान कई वर्षो में फर्जी मुकदमे दर्ज कराने, जबरन वसूली करने और जमीन पर अवैध कब्जा करने जैसे कई गंभीर आरोपों में शामिल रहे हैं। इन गतिविधियों में उनके करीबी सहयोगी वकील अखिलेश दुबे का नाम भी सामने आया है, जिनके नेटवर्क से शुक्ला का गहरा संबंध रहा है।
एसआईटी और विजिलेंस विभाग की प्रारंभिक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ कि शुक्ला के नाम पर कुल 12 स्थानों पर लगभग 92 करोड़ रुपये की संपत्तियाँ पंजीकृत हैं। इसके अलावा तीन अन्य संपत्तियों के दस्तावेजों की जांच जारी है। गृह विभाग ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए विजिलेंस जांच के आदेश दिए हैं और मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह मामला यूपी पुलिस में भ्रष्टाचार और अवैध संपत्ति निर्माण की जटिलताओं को उजागर करता है। इस कदम से साफ संदेश जाता है कि अवैध गतिविधियों में लिप्त अधिकारी बख्शे नहीं जाएंगे।
इस घटना के बाद जिले में पुलिस प्रशासन और नागरिकों में मिश्रित प्रतिक्रियाएँ सामने आई हैं। कई नागरिकों ने पुलिस विभाग की सख्ती की सराहना की है, जबकि कुछ ने सवाल उठाए हैं कि ऐसी घटनाओं की रोकथाम कैसे सुनिश्चित की जाएगी।
