उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में देर रात की कार्रवाई में पुलिस ने गोलीबारी के दौरान 50 हजार रुपये के इनाम वाले गौतस्कर को मार गिराया। मामला गाँव सपनावत के जंगलों के पास तब सामने आया जब पुलिस को सूचना मिली कि कुछ बदमाश गोकशी हेतु प्रतिबंधित पशुओं को इकट्ठा कर रहे हैं।
घटना के अनुसार, हसीन नामक बदमाश स्विफ्ट डिजायर कार में सवार था और उसके ऊपर अलग-अलग जिलों में वांछित मामलों के करीब २५ मुकदमे दर्ज थे, जिसमें गौकशी, हत्या के प्रयास, गैंगस्टर एक्ट आदि शामिल थे। पुलिस ने जंगल में संदिग्ध रूप से घूम रहे कार सवारों को घेरने का अभियान शुरू किया। आरोप है कि जब टीम ने घेराबंदी की, तो हसीन और उसके साथियों ने पुलिस पर फायरिंग की। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की और हसीन को गोली लग गई। उसे अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
मौके से एक अवैध पिस्टल, कारतूस और स्विफ्ट डिजायर कार बरामद हुई है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई गोकशी एवं पशु तस्करी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत की गई थी।
इस घटना ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गौ तस्करी-गोकशी से संबंधित अपराधिक गतिविधियों पर पुलिस की सक्रियता को फिर से उजागर किया है। पुलिस अधीक्षक ने कहा है कि इस तरह के अभियान जारी रहेंगे और तस्करों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।
कुछ बिंदु खास ध्यान देने योग्य हैं:
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इनामी बदमाश के खिलाफ विभिन्न जिलों में लंबित शिकायतें थीं, जो यह संकेत देती हैं कि वह लंबे समय से इस तरह की गतिविधियों में लिप्त था।
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घटना रात के वक्त हुई और जंगल इलाके में तस्करी की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की।
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घेराबंदी-और जवाबी फायरिंग की स्थिति ने यह सवाल उठाया है कि किस तरह से तस्कर पुलिस की घेराबंदी से बचने की कोशिश कर रहे थे।
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इस मुठभेड़ के बाद उन मामलों की जांच तेज हो सकती है जिनमें पशु तस्करी-गोकशी का दाँव है, और इलाके में सुरक्षा-व्यवस्था और अभियान और सख्त होंगे।
यह मुठभेड़ सामाजिक-आर्थिक और कानून-व्यवस्था दोनों दृष्टियों से महत्वपूर्ण है क्योंकि पशु तस्करी-गोकशी सिर्फ एक अपराध नहीं बल्कि पशु-सुरक्षा, धार्मिक-संवेदनशीलता और ग्रामीण अर्थव्यवस्था से जुड़ा विषय भी है। ऐसे में जिले में आगे की कार्रवाई की रिपोर्ट पर नजर रहेगी।
