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सावन के पहले दिन जलाभिषेक के लिए दुःखहरण नाथ मंदिर में उमड़ी भीड़

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Gonda News: सावन के पवित्र महीने की आज (मंगलवार) से शुरुआत हो गई। पवित्र महीने की शुरुआत होते ही देश भर के मंदिरों एवं शिवालयों में भक्तों एवं शद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। देर रात से ही शिव मंदिर में भक्तों की भीड़ लगी हुई है। महादेव के नगरी काशी में इस बार 5 करोड़ भक्तों के पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है।
भगवान शिव को प्रिय सावन मास के पहले दिन शहर के मंदिरों में शिवालयों में शिव भक्तों ने शिव पूजन किया। सुबह सवेरे से ही मंदिरों में भीड़ उमड़नी शुरू हो गई।
सावन की शुरुआत हल्की बुंदाबांदी के साथ हुई है। कई जिलों में तो तेज बारिश हुई है। वहीं कुछ जगहों पर बादल छाए रहे।
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ ज्‍यादा देखने को मिली है। सावन मास के पहले दिन जिले भर के शिवालय हर-हर महादेव के जयकारे से गूंज उठे। शिव मंदिरों में भोर से ही भक्त जलाभिषेक के लिए उमड़ पड़े। पृथ्वीनाथ मंदिर, बरखंडी नाथ, दुखहरणनाथ, बालेश्वरनाथ सहित दूरदराज स्थानों पर स्थित शिवालयों में श्रद्धालुओं ने पूजन-अर्चन किया। कांवड़ियों ने सरयू नदी से जल लाकर जलाभिषेक किया। मंदिरों के बाहर सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। गोंडा शहर में स्थित दुखहरण नाथ मंदिर, पृथ्वीनाथ मंदिर सहित अन्य मंदिरों में शिव भक्तों ने धूप दीप फल फूल पुष्प इत्यादि अर्पित कर भगवान शिव का पूजन किया तथा शिवलिंग पर जल अर्पित किया।
सुबह 5 बजे से ही दुखहरण नाथ मंदिर में भोलेनाथ को जलाभिषेक करने के लिए लंबी कतार लगी रही। इस दौरान पूरा मंदिर परिसर हर-हर महादेव के जयघोष से गुंजायमान रहा।
यहां पर भक्तों की मांगी गई सभी मुरादें पूरी होती हैं। और बाबा लोगो के दुख को हरते है इसलिए लोग इनको दुखहरण नाथ के नाम से जाना जाता है। गोंडा के लोगों की दुखहरण नाथ में काफी आस्था है और लोग बाबा को दुखिया महादेव के नाम से भी पुकारते है।
पंडितों के अनुसार इस वर्ष का सावन बेहद खास है, लंबे समय के बाद सावन में मलमास पड़ रहा है. शहर के विभिन्न चौक चौराहों पर कांवरियों की टोली भी नजर आने लगी है।

दुःखहरण नाथ मंदिर
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