
समाचार विस्तार:
डसॉल्ट एविएशन के सीईओ एरिक ट्रैपियेर ने स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान द्वारा किए गए तीन भारतीय राफेल लड़ाकू विमानों को मार गिराने के दावे “वास्तविक तथ्यों के बिल्कुल विपरीत” हैं। उन्होंने इसे गलत सूचना बताया और राफेल विमानों की कार्यक्षमता और सुरक्षा क्षमता पर पूरा भरोसा व्यक्त किया।
🔍 तथ्य व पृष्ठभूमि:
- पाकिस्तानी दावे: उन्होंने मई 2025 में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तीन राफेल व तीन अन्य विमानों को मार गिराने का दावा किया था।
- विश्लेषकों की जांच:
- फ्रांसीसी डॉक्टरी विशेषज्ञों ने जिन मलबों की तस्वीरें पेश की गई थीं, उन्हें मिराज‑2000 के ड्रॉप‑टैंक के रूप में पहचाना, न कि राफेल के हिस्से के रूप में ।
- वायु रक्षा विशेषज्ञों ने भी इन दावों को “डिसइन्फोर्मेशन अभियानों” के रूप में खारिज किया, जिसमें पाकिस्तान और चीन की भूमिका की आशंका जताई गई ।
- सरकारी जवाब: न तो भारतीय वायु सेना ने इन नुकसानों की पुष्टि की है और न ही डसॉल्ट ने कोई ऐसा विमान गंवाने की बात कही है।
📌 प्रमुख बिंदु:
पहलू | विवरण |
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दावों का स्वरुप | पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर में राफेल सहित 5 विमान गिराने का दावा किया |
डसॉल्ट की प्रतिक्रिया | “factually incorrect” – डसॉल्ट के सीईओ ने सारे दावों को खारिज किया |
विशेषज्ञों की राय | प्रबंधित तोड़-मरोड़ मज़ूम, राफेल की विश्वसनीयता पर कोई असर नहीं |
🛡️ निष्कर्ष:
डसॉल्ट की आधिकारिक प्रतिक्रिया ने पाकिस्तान के दावों की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। राफेल विमानों का परिचालन सामान्य रूप से जारी है और इस घटना ने हताशा या कमजोरी की बजाय डिसइन्फोर्मेशन के खतरों पर सतर्कता बढ़ाने की आवश्यकता को रेखांकित किया है।