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दिल्ली में कोयला-लकड़ी से चलने वाले तंदूर पर बैन: वायु प्रदूषण से निपटने की सख्त पहल

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राजधानी में वायु प्रदूषण के तेजी से बढ़ते स्तर को देखते हुए Delhi Pollution Control Committee (DPCC) ने शहर भर के होटलों, रेस्तराँ और खुले भोजनालयों में कोयला या जलाऊ लकड़ी (Firewood / Coal) से चलने वाले तंदूरों (Tandoors) पर पाबंदी लगा दी है।

इस नए आदेश के अनुसार, अब तंदूर या अन्य खाना पकाने के उपकरणों में सिर्फ स्वच्छ-ईंधन जैसे गैस (LPG/CNG), बिजली, बायोगैस या अन्य नियंत्रित उपकरणों का उपयोग किया जाना ही वैध है। कोयला/लकड़ी जलाने पर कोई छूट नहीं है।

डिसीशन को लागू करने के पीछे मुख्य कारण यह है कि कोयला-लकड़ी जलाने से निकलने वाला धुआं विशेष रूप से स्वास्थ्य-नाशक होता है। ऐसे तंदूरों से निकलने वाली धूल-कण (PM2.5, PM10) दिल्ली की हवा की गुणवत्ता को और गिरा देती है। एक अध्ययन में पाया गया था कि होटल/रेस्तराँ में कोयला तंदूरों से निकलने वाला प्रदूषण वायु प्रदूषण में महत्वपूर्ण योगदान देता है।

अब स्थानीय प्रशासन, नगर निगम और सम्बंधित एजेंसियां इस निर्देश का पालन सुनिश्चित करेंगी। यदि कोई होटल या रेस्तराँ पुरानी तंदूर तकनीक इस्तेमाल करता पाया गया, तो उस पर कार्रवाई होगी। यह कदम Graded Response Action Plan (GRAP) के अनुरूप लिया गया है — जो वायु गुणवत्ता खराब होने पर लागू होते हैं।

इस आदेश से उम्मीद है कि दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की गंभीरता पर कुछ नियंत्रण संभव हो सकेगा। साथ ही, खाद्य व्यवसायों को स्वच्छ-ईंधन आधारित अरेंजमेंट्स अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा, जिससे प्रदूषण में कमी आएगी और नागरिकों की सेहत बेहतर होगी।

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