
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की हवा एक बार फिर जहरीली हो गई है। दिवाली से पहले ही वायु गुणवत्ता में भारी गिरावट देखी जा रही है। बुधवार सुबह आनंद विहार क्षेत्र में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 350 से ऊपर दर्ज किया गया, जो “बहुत खराब” से “गंभीर” श्रेणी के बीच आता है। इस स्तर पर सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन और फेफड़ों पर बुरा असर पड़ने का खतरा बढ़ जाता है।
दिल्ली के अन्य इलाकों में भी प्रदूषण का स्तर चिंताजनक है। आरके पुरम, द्वारका और आईटीओ जैसे इलाकों में AQI 280 से 320 के बीच दर्ज किया गया। वहीं, पड़ोसी शहरों में भी हाल बेहाल है—नोएडा में AQI 269 और गाजियाबाद में 261 तक पहुंच गया है। इससे साफ है कि पूरे एनसीआर की हवा में जहरीले कणों की मात्रा खतरनाक रूप से बढ़ गई है।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने स्थिति को देखते हुए ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के पहले चरण को लागू करने की सिफारिश की है। इस योजना के तहत निर्माण कार्यों में धूल नियंत्रण के सख्त नियम लागू होंगे, कचरा या पत्तियां जलाने पर पूरी तरह रोक रहेगी और पुराने पेट्रोल-डीजल वाहनों की निगरानी बढ़ाई जाएगी। साथ ही नगर निगमों और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को आदेश दिया गया है कि सड़क किनारे धूल को नियंत्रित करने के लिए नियमित रूप से पानी का छिड़काव करें।
मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, ठंडी हवाएं और कम तापमान के कारण प्रदूषक तत्व हवा में स्थिर हो रहे हैं, जिससे स्थिति और बिगड़ रही है। आने वाले दिनों में यदि हवा की गति कम रही तो AQI “गंभीर” स्तर से भी ऊपर जा सकता है। विशेषज्ञों ने लोगों को सुबह-शाम बाहर व्यायाम करने से बचने, मास्क पहनने और एयर प्यूरिफायर का उपयोग करने की सलाह दी है।
दिल्ली सरकार ने भी निगरानी बढ़ा दी है। पर्यावरण मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए GRAP के तहत सभी कदम तत्काल प्रभाव से लागू किए जाएं। साथ ही “रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ” जैसे अभियानों को फिर से सक्रिय किया जाएगा।
राजधानी की लगातार बिगड़ती वायु गुणवत्ता को देखते हुए यह साफ है कि आने वाले कुछ हफ्ते दिल्लीवासियों के लिए मुश्किल भरे हो सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सख्त कदम नहीं उठाए गए तो दीवाली के बाद स्थिति और भयावह हो सकती है।