
2020 Delhi riots के सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में एक नया आरोप लगाया है कि यह हिंसा एक “ठीक-ठाक योजनाबद्ध कार्य” (conspiracy) थी, जिसका मकसद देश की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नुकसान पहुँचाना था। पुलिस का दावा है कि इस मामले में मिले मैसेज-चैट व अन्य सबूत दिखाते हैं कि यह दंगा इसी को ध्यान में रखकर बनाया गया था कि जब अमेरिका के राष्ट्रपति Donald Trump भारत में हों, तब लोगों की निगाहें भारत पर हों और उस बीच अशांति हो जाए।
पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी अफ़िडेविट में कहा है कि “एनई दिल्ली में हुए दंगे” 24-25 फरवरी 2020 में डालने की कोशिश की गई योजना का हिस्सा थे, जब ट्रम्प भारत दौरे पर थे।
हालाँकि, इन दावों को लेकर कई आलोचनाएँ भी सामने आई हैं। कुछ विश्लेषकों ने कहा है कि पुलिस-दावा में टाइमलाइन में विसंगति है: उदाहरण के लिए आरोप है कि जनवरी 8 को एक बैठक हुई थी जिसमें ये योजना बन रही थी, जबकि ट्रम्प के दौरे की खबर मीडिया में जनवरी 13 के बाद आई थी।
पुलिस के अनुसार इस पूरे मामले में “मूल दोषियों व उनके साथियों द्वारा पहले से लॉजिस्टिक्स व मानव-शक्ति तैयार की गई थी” तथा “कई लोगों को उत्तर-प्रदेश व अन्य स्थानों से बुलाया गया था” ताकि दंगा बड़े पैमाने पर हो सके।
इस केस में अब तक अनेक अभियुक्त शामिल हैं और कुछ के खिलाफ Unlawful Activities (Prevention) Act (UAPA) के तहत कार्रवाई भी हुई है। पुलिस का कहना है कि इस मामले में सिर्फ हिंसा नहीं हुई बल्कि यह नीति-स्तर पर एक ऑपरेशन था।”
 







