
अल-फलाह यूनिवर्सिटी का कमरा नंबर 13 बना आतंक की साजिश का अड्डा
दिल्ली के लाल किला इलाके में हुए कार धमाके की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, नए-नए खुलासे सामने आ रहे हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक, फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी (Al-Falah University) का कमरा नंबर 13 अब इस पूरे आतंकी नेटवर्क का केंद्र बिंदु बन गया है।
जांच एजेंसियों को कमरे से डॉ. मुजम्मिल शकील (Dr. Muzammil Shakeel) की डायरी मिली है, जिसमें धमाके और अन्य आतंकी गतिविधियों से जुड़ी दो साल पुरानी योजनाओं का ज़िक्र है।
जांच में सामने आए प्रमुख खुलासे
डायरी में 8 से 12 नवंबर के बीच हमलों की विस्तृत योजना दर्ज थी।
डॉ. मुजम्मिल और डॉ. उमर उन नबी (जो धमाके के वक्त कार चला रहे थे) के बीच लगातार संपर्क था।
जांच में खुलासा हुआ है कि दोनों के विदेशी आतंकी संगठनों और पाकिस्तानी हैंडलर्स से संपर्क थे।
कमरे से मिले सबूतों में टाइमर डिवाइस, विस्फोटक के नमूने, नक्शे और लैपटॉप शामिल हैं।
एनआईए (NIA) और दिल्ली पुलिस की टीम ने यूनिवर्सिटी से जुड़े कई लोगों को हिरासत में लिया है।
डायरी में लिखे खतरनाक इशारे
डायरी में मिले नोट्स के मुताबिक,
“ऑपरेशन नवंबर में शुरू होगा… उमर तैयार है…”
यह वाक्य जांच एजेंसियों के लिए अहम सबूत साबित हुआ है। अधिकारियों के मुताबिक, डायरी में कई कोड वर्ड और संदिग्ध संपर्क नंबर भी लिखे हैं, जिनका संबंध अंतरराष्ट्रीय आतंकी नेटवर्क से हो सकता है।
अल-फलाह यूनिवर्सिटी का बयान
विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा —
“हम किसी भी अवैध गतिविधि का समर्थन नहीं करते। यदि कोई कर्मचारी या छात्र इसमें लिप्त पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
एजेंसियों की जांच
एनआईए और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल अब इस मॉड्यूल के पीछे के विदेशी फंडिंग नेटवर्क और ऑनलाइन कम्युनिकेशन चैनल्स की जांच कर रही हैं।
साथ ही, एजेंसियां यह भी पता लगाने में जुटी हैं कि क्या यह “डॉक्टर मॉड्यूल” देश के अन्य हिस्सों में भी सक्रिय था।
कमरा नंबर 13 अब भारतीय खुफिया एजेंसियों के लिए आतंक का नया प्रतीक बन गया है।
डॉ. मुजम्मिल की डायरी ने यह साफ कर दिया है कि दिल्ली धमाके की यह साजिश अचानक नहीं, बल्कि दो साल की लंबी और संगठित तैयारी का नतीजा थी।



