
मौसम विभाग ने रविवार को विशेष चेतावनी जारी की है कि बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव वाले क्षेत्र में तेजी से बदलाव हो रहा है, और यह अगले 24-48 घंटों में तेज हवाओं और भारी बारिश के साथ चक्रवाती तूफान में बदल सकता है।
इस चेतावनी के आधार पर देखा गया है कि उक्त सिस्टम 26 अक्टूबर तक गहरे दबाव में तब्दील हो सकता है, और 27 अक्टूबर तक इसे चक्रवाती तूफान (साइक्लोन) कहा जा सकेगा। विशेष चिंता इस बात की है कि यह तूफान करीब 28 अक्टूबर की शाम या रात को Machilipatnam-Kalingapatnam (आंध्र प्रदेश) के बीच तट से टकरा सकता है।
विशेष रूप से आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के तटीय इलाकों में तेज हवाओं की गति 90-100 किमी/घंटा तक हो सकती है, झोंकों के साथ 110 किमी/घंटा तक पहुँचने की संभावना बताई गई है। इसके अलावा, तमिलनाडु के तटवर्ती जिलों जैसे चेन्नई, रणिपेट, कांचीपुरम आदि में भारी बारिश, बिजली-कड़कने और गरज-चमक की चेतावनी दी गई है।
मछुआरों और तटीय इलाकों में रहने वालों को समुद्र में जाने से बचने की सलाह दी गई है क्योंकि 25-29 अक्टूबर तक समुद्र की स्थिति बेहद खराब रहने की संभावना है।
साथ ही, इस मौसम प्रणाली का प्रभाव 29-30 अक्टूबर को Jharkhand पर भी दिखने की संभावना है, जहाँ येलो अलर्ट जारी हुआ है और राज्य के कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। प्रभावित जिलों में सिमडेगा, सेराइकेला-खरसावां, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, जामताड़ा, दुमका, गोड्डा आदि शामिल हैं।
इस प्रकार, आने वाले 4-5 दिन मौसम बेहद संवेदनशील रहेगा—विशेष रूप से पूर्वी तट और अंतःभूमि-राज्यों में। सामाजिक सुरक्षा, तटवर्ती तैयारी, मछुआरों-नाविकों की सतर्कता, और प्रशासन-स्तरीय आपदा प्रबंधन का त्वरित क्रियान्वयन महत्वपूर्ण होगा।



