
कर्नाटक के प्रसिद्ध धर्मस्थल में कथित सामूहिक दफन की खबरों ने हाल ही में पूरे राज्य में सनसनी फैला दी थी। इस मामले में एक सफाईकर्मी, जिसने खुद को व्हिसलब्लोअर बताया था, ने दावा किया था कि वहां करीब 70 से 80 लोगों को दफनाया गया है। उसके इस बयान के बाद राज्य सरकार ने विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया था।
हालांकि अब इस केस ने नया मोड़ ले लिया है। SIT ने उस व्हिसलब्लोअर को ही गिरफ्तार कर लिया है, जिस पर इस पूरे मामले को झूठे आधार पर खड़ा करने का आरोप है। जांच में सामने आया कि उसने जो खोपड़ी अधिकारियों को दिखाई थी, वह नकली थी और उसे जांच को गुमराह करने के उद्देश्य से तैयार किया गया था। इसके अलावा, उसने जिन स्थानों पर सामूहिक दफन होने का दावा किया था, वहां से कोई ठोस सबूत नहीं मिले—सिर्फ एक जगह से कुछ कंकाल के अवशेष बरामद किए गए।
पुलिस ने बताया कि आरोपी से पूछताछ के दौरान कई विसंगतियां सामने आईं। उसने दावा किया था कि घटनास्थल पर महिलाओं और बच्चों को दफनाया गया है, लेकिन अब तक की जांच में उसकी बातों का कोई ठोस आधार नहीं मिला। उसे झूठे साक्ष्य प्रस्तुत करने, गुमराह करने और कानून व्यवस्था भंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
आरोपी को आज मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा और उससे पहले मेडिकल परीक्षण कराया गया है। SIT अब यह भी जांच कर रही है कि कहीं इसके पीछे कोई संगठित साजिश तो नहीं थी।