
📌 पूरी खबर विस्तार से:
पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल और ईरान के बीच हाल ही में हुए हमलों पर प्रतिक्रिया दी है। ट्रंप ने दावा किया है कि इजरायल द्वारा ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर किए गए मिसाइल हमले की उन्हें पहले से जानकारी थी।
ट्रंप ने बयान में कहा:
“मैंने ईरान को मौत और शर्मिंदगी से बचाने की कोशिश की। लेकिन अब शायद परमाणु समझौता हो सके।”
उन्होंने संकेत दिया कि यदि वह दोबारा सत्ता में आते हैं तो ईरान के साथ नया परमाणु समझौता (Nuclear Deal) संभव है। ट्रंप ने यह भी कहा कि उनका इरादा ईरान के साथ युद्ध नहीं, बल्कि एक कूटनीतिक समाधान निकालने का था।
नेतन्याहू का बयान:
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस हमले का बचाव करते हुए कहा कि:
“ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इजरायल इसके लिए कोई भी जरूरी कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगा।”
उन्होंने ट्रंप के साथ अपने संबंधों का हवाला देते हुए बताया कि दोनों इस मुद्दे पर एकमत हैं कि ईरान को परमाणु शक्ति नहीं बनने दिया जाना चाहिए।
ईरान की प्रतिक्रिया:
हमले के जवाब में ईरान ने इजरायल की ओर करीब 150 बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। इन हमलों से इजरायल के कई इलाके प्रभावित हुए हैं, जिससे पूरे क्षेत्र में तनाव और गहराता जा रहा है।
🌍 अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया:
इस घटनाक्रम पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने चिंता जाहिर की है। संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ ने दोनों पक्षों से संयम बरतने और शांति की अपील की है।
🧾 निष्कर्ष:
डोनाल्ड ट्रंप के बयान से स्पष्ट है कि भले ही उन्होंने युद्ध से बचने की कोशिश की हो, लेकिन हालात अब नियंत्रण से बाहर होते जा रहे हैं। यह संकट न केवल इजरायल और ईरान के लिए, बल्कि पूरे मध्य पूर्व और वैश्विक राजनीति के लिए एक गंभीर चुनौती बन गया है।