ट्रंप ईरान को 'लास्ट चांस' देने की तैयारी में, अराघची बोले- 'खून-खराबे में कोई रुचि नहीं'

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते संघर्ष के बीच ईरान को एक अंतिम प्रस्ताव देने की योजना बना रहे हैं। इस प्रस्ताव में ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत और संघर्ष विराम की संभावनाएं शामिल हैं। हालांकि, ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने स्पष्ट किया है कि उनका देश खून-खराबे में कोई रुचि नहीं रखता और वह सीधे वार्ता के पक्ष में नहीं हैं।
ट्रंप प्रशासन ईरान के साथ परमाणु समझौते और संघर्ष विराम पर इस सप्ताह वार्ता करने की योजना बना रहा है। हालांकि, यह बैठक अभी तक अंतिम रूप नहीं ले पाई है। अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ़ और ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची के बीच संभावित बैठक की चर्चा की जा रही है। यह कदम राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा तनाव को कम करने और सैन्य संघर्ष से बचने के लिए एक अंतिम प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
इस बीच, ट्रंप ने इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते संघर्ष में मध्यस्थता की भूमिका निभाई है। ईरान संघर्ष विराम चाहता है, जबकि इजरायल ईरान के परमाणु बुनियादी ढांचे को पूरी तरह से नष्ट करने की मांग कर रहा है। ट्रंप ने ईरान से वार्ता की आवश्यकता को रेखांकित किया है, लेकिन उन्होंने संघर्ष विराम की किसी भी पहल से इंकार किया है।
हालांकि, ईरान ने सीधे वार्ता के लिए ट्रंप के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है। अराघची ने कहा है कि “यह बेकार है” और अमेरिका के धमकियों के कारण सीधे वार्ता संभव नहीं है। ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत के लिए समान शर्तों पर वार्ता की इच्छा जताई है, लेकिन अमेरिका के दबाव में नहीं।
इससे पहले, ट्रंप ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को एक पत्र भेजा था, जिसमें परमाणु समझौते पर बातचीत का प्रस्ताव दिया गया था। हालांकि, ईरान ने इस पत्र को प्राप्त करने से इंकार किया था।
इस समय, ट्रंप प्रशासन ईरान के साथ परमाणु समझौते और संघर्ष विराम पर वार्ता करने की योजना बना रहा है, लेकिन ईरान ने सीधे वार्ता के लिए ट्रंप के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है। यह स्थिति यह दर्शाती है कि दोनों देशों के बीच तनाव और अविश्वास की स्थिति बनी हुई है।