
पाकिस्तान के उत्तरी क्षेत्र में शुक्रवार शाम एक तीव्र 5.6 मैग्नीट्यूड का भूकंप महसूस किया गया, जिसने खाईबर पख्तूनखा (Khyber Pakhtunkhwa), इस्लामाबाद, रावलपिंडी और आसपास के जिलों में हलचल मचा दी। पाकिस्तान मौसम विभाग (PMD) की रिपोर्ट के अनुसार, इस भूकंप की उत्पत्ति हिंदू कुश पर्वतमाला के नीचे हुई थी और震ॊं की तीव्रता ने आसपास के इलाकों में भय उत्पन्न कर दिया।
भूकंप का अनुभव कई स्थानों पर हुआ — रावलपिंडी, इस्लामाबाद, पीशावर, स्वात और चितराल तक लोगों ने झटके महसूस किए। भूकंप की रफ्तार इतनी तेज थी कि लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। हालांकि, प्रारंभिक रिपोर्टों में किसी बड़े नुकसान या जान-माल के हताहत की सूचना नहीं मिली है, लेकिन स्थानों पर हल्की दरारें और कंपाईलिंग संकेत हैं।
मौसम विभाग ने बताया कि भूकंप की गहराई लगभग 120 किलोमीटर थी, जो कि अपेक्षाकृत मध्यम गहराई मान ली गई है। इस तरह के भूकंप अक्सर सतही झटकों से कम नुकसान करते हैं, लेकिन उनकी कम्पन अधिक समय तक महसूस हो सकती है।
इसके अलावा, उसी समय अमेरिकी भूवैज्ञानिक सेवा (USGS) ने भी एक भूकंप रिकॉर्ड किया, जिसकी मैग्नीट्यूड लगभग 5.5 मानी गई, और यह प्रभावित क्षेत्र से कुछ दूरी पर केंद्रित था।
इस घटना ने यह रेखांकित कर दिया है कि पाकिस्तान और उसके उत्तरी पर्वतीय क्षेत्र भूकंपीय रूप से संवेदनशील हैं। भूगतिकीय संरचनाएँ और प्लेट सीमाएँ इस तरह की हलचल की संभावना को बढ़ाती हैं। पिछले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र में कई भूकंप आ चुके हैं, जो जनता और अधिकारियों दोनों के लिए सतर्कता का संकेत हैं।
स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभागों ने जनता से आग्रह किया है कि वे शांत रहें, मजबूत निर्माणों से दूर रहें और यदि भवनों में दरारें या अस्थिरता नजर आये तो तुरंत बाहर निकलें। आगे के झटकों की संभावना को देखते हुए सतर्कता बरती जा रही है।
यह भूकंप भारत के कुछ उत्तरी हिस्सों में भी महसूस किया गया हो सकता है, विशेषकर जम्मू और कश्मीर एवं सीमावर्ती क्षेत्र में, जहाँ भूगर्भीय रूप से संवेदनशील स्थितियाँ पाई जाती हैं।



