महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार को एक स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि शिवसेना (शिंदे समूह) और भाजपा नेतृत्व वाली महायुति सरकार में “कोई क्रेडिट लेने की होड़ नहीं है, हम सब एक साथ कार्य कर रहे हैं”। यह टिप्पणी उन्होंने तब की जब कुछ अखबारों में केवल मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस की तस्वीर वाले फुल-पेज विज्ञापन प्रकाशित हुए—जिसमें फड़नवीस द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज को पुष्पांजलि अर्पित करते, और गणपति विसर्जन के अवसर पर भगवान गणेश को नमन करते हुए दिखाया गया था। इन विज्ञापनों के माध्यम से ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे फड़नवीस अकेले ही सरकार की उपलब्धियों के प्रतिनिधि हैं, लेकिन शिंदे ने कहा कि यह किसी की व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि महायुति सरकार का सामूहिक कार्य है।
शिंदे ने साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि चाहे मराठा समुदाय की न्याय सुनिश्चित करना हो या पिछड़े वर्गों (OBCs) को संवैधानिक और कल्याण संबंधी लाभ पहुँचाना—यह सब महायुति सरकार द्वारा मिलकर किया गया है। उन्होंने कहा,
“हम क्रेडिट लेने की होड़ में नहीं हैं… अब देवेंद्रजी और मैं एक टीम के रूप में दूसरी पारी शुरू कर चुके हैं। हमारा एजेंडा एक है — राज्य का विकास और गरीबों की मदद।”
संभावित संघर्ष के संकेत
हालांकि शिंदे ने स्पष्ट कर दिया कि सब साथ में काम कर रहे हैं, लेकिन इससे पहले भी उनकी और फड़नवीस की राह में विवादों की हलचल उभर चुकी थी। उदाहरण के तौर पर, पिछले सप्ताह शिंदे ने मुंबई और पुणे में कुछ सार्वजनिक कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं लिया था, जिससे उनके और मुख्यमंत्री फड़नवीस के बीच संभावित तल्खी की अफवाहें उभरकर सामने आई थीं।
इसके अलावा, BEST (बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट) के अधीक्षक की नियुक्ति को लेकर भी UDD (शिंदे के विभाग) और GAD (फड़नवीस का विभाग) में टकराव दर्ज किया गया था, जिससे ये संकेत मिले कि सत्ता संरचना में कुछ अस्वस्थ गृह-युद्ध की छाया भी संभावित रूप से बनी हुई हो सकती है।