
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से कहा: ‘शपथपत्र दो या देश से माफी माँगो’
चुनाव आयोग ने कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी है कि वे अपने हालिया आरोपों को शपथपत्र के साथ प्रमाणित करें, अन्यथा देश से सार्वजनिक माफी मांगें। मामला वोटर लिस्ट से नाम गायब होने और कथित धांधली के आरोपों से जुड़ा है, जिसे लेकर राहुल गांधी ने हाल के दिनों में कई मंचों से चुनाव आयोग पर निशाना साधा था।
आयोग ने कहा है कि यदि राहुल गांधी को अपने आरोपों पर दृढ़ विश्वास है, तो उन्हें एक लिखित घोषणा-पत्र (शपथपत्र) पर हस्ताक्षर करना चाहिए जिसमें यह स्पष्ट किया जाए कि उन्होंने जो आरोप लगाए हैं, वे पूरी तरह सत्य हैं। इसके साथ ही, आयोग ने उनसे उन मतदाताओं की विस्तृत सूची भी मांगी है जिनके नाम कथित रूप से मतदाता सूची से हटाए गए या गलत तरीके से जोड़े गए हैं।
यह निर्देश महाराष्ट्र, कर्नाटक और हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारियों द्वारा भी दोहराया गया है। इन राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों ने राहुल गांधी से कहा है कि वे प्रमाण और डेटा के साथ एक आधिकारिक घोषणा दें, जिससे कि आयोग इसकी जांच कर सके। चुनाव आयोग के अनुसार, बिना ठोस प्रमाण के इस तरह के बयान न केवल संस्था की छवि को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि मतदाताओं के बीच भ्रम भी पैदा करते हैं।
राहुल गांधी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे पहले ही संसद में संविधान की रक्षा और पालन की शपथ ले चुके हैं, इसलिए उन्हें दोबारा किसी शपथपत्र पर हस्ताक्षर करने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने आयोग की इस मांग को ‘राजनीतिक दबाव’ और ‘अनुचित मांग’ बताया। उनके अनुसार, जनता ने उन्हें प्रतिनिधि चुनकर भेजा है और वे जनता के मुद्दे उठाते रहेंगे, चाहे इसके लिए उन्हें किसी भी प्रकार के दबाव का सामना क्यों न करना पड़े।
इस विवाद ने राजनीतिक माहौल को और गरमा दिया है। एक तरफ भारतीय जनता पार्टी और उसके समर्थक दल राहुल गांधी से सबूत देने या माफी मांगने की मांग कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस और विपक्षी दल इसे राहुल गांधी की आवाज दबाने की कोशिश के रूप में देख रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मामला आने वाले चुनावों से पहले सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के बीच टकराव को और तेज करेगा।