
चुनाव आयोग ने मतदाता पंजीकरण को लेकर नया सख्त निर्देश जारी किया है। आयोग ने साफ कहा है कि कोई भी नागरिक केवल वहीं का वोटर बन सकता है जहां वह वास्तव में रहता है। यानी मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए वास्तविक निवास स्थान ही मान्य होगा।
चुनाव आयोग के मुताबिक, कई जगह एक व्यक्ति के नाम अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों की वोटर लिस्ट में दर्ज पाए गए हैं। इससे चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ियां और फर्जीवाड़े की संभावना बढ़ जाती है। इसी को रोकने के लिए आयोग ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं।
निर्देश में कहा गया है कि मतदाता पंजीकरण के दौरान निवास का प्रमाण अच्छी तरह से जांचा जाए। अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वोटर सूची में नाम केवल उस क्षेत्र में दर्ज हो, जहां व्यक्ति वास्तव में रह रहा है।
चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि जिनके नाम गलत तरीके से दो जगह दर्ज हैं, उन्हें एक जगह से हटाकर सही जगह पर दर्ज किया जाए। आयोग का यह कदम पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया को मजबूत करने की दिशा में अहम माना जा रहा है।