
बांग्लादेश के कार्यवाहक प्रमुख सलाहकार और नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस की फ्रांस यात्रा पर उस वक्त बड़ा झटका लगा जब फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने उनके साथ प्रस्तावित द्विपक्षीय मुलाकात से साफ इनकार कर दिया। इस मुलाकात के पीछे यूनुस की असल योजना फ्रांस से नागरिक विमानों की खरीदारी थी, जिसे वह राजनयिक बातचीत की आड़ में अंजाम देना चाहते थे।
लेकिन फ्रांस के राष्ट्रपति और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी सहयोगी माने जाने वाले मैक्रों ने इस रणनीति को पहले ही भांप लिया और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से कोई भी डील करने में अपनी कोई रूचि नहीं दिखाई। इस इनकार ने यूनुस की पूरी रणनीति और अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने की कोशिशों पर पानी फेर दिया।
यह घटनाक्रम बांग्लादेश की अस्थायी सरकार की वैश्विक वैधता को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है। यह भी स्पष्ट संकेत है कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अब ऐसे ‘राजनीतिक समीकरणों’ को हल्के में नहीं लिया जा रहा।