Site icon Prsd News

G7 देशों का बड़ा बयान: इजरायल को आत्मरक्षा का अधिकार, ईरान पर हमले को लेकर जताई चिंता

images 11


कनाडा में आयोजित G7 शिखर सम्मेलन से पहले एक महत्वपूर्ण मसौदा (ड्राफ्ट स्टेटमेंट) सामने आया है, जिसमें G7 नेताओं ने स्पष्ट किया है कि इजरायल को आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है, खासकर उस स्थिति में जब उसे ईरान से खतरा हो। यह बयान ऐसे समय में आया है जब पश्चिम एशिया में तनाव चरम पर है, और इजरायल तथा ईरान के बीच संभावित सैन्य टकराव की आशंका गहराती जा रही है।

ड्राफ्ट में G7 नेताओं ने कहा है कि ईरान द्वारा इजरायल की सुरक्षा को खतरा पहुंचाने वाले किसी भी प्रयास पर वैश्विक समुदाय को सजग रहना चाहिए। G7 देशों ने ईरान को चेतावनी दी है कि किसी भी प्रकार की सैन्य उकसावे की कार्रवाई से क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता खतरे में पड़ सकती है।

बयान में यह भी कहा गया है कि अगर ईरान ने सीमा पार की तो दुनिया को इसका सामूहिक जवाब देना पड़ सकता है। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अब तक इस मसौदे को अंतिम मंजूरी नहीं दी है और व्हाइट हाउस की ओर से कोई आधिकारिक बयान भी नहीं आया है।

वहीं, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को भी इस बयान की जानकारी दी गई है। भारत की भूमिका को लेकर भी संभावनाएं जताई जा रही हैं कि मोदी क्षेत्रीय शांति के लिए मध्यस्थता कर सकते हैं।

G7 नेताओं की मुख्य चिंताएं:

डिप्लोमैटिक प्रयासों की मांग:
G7 नेताओं ने ज़ोर देकर कहा है कि इस मुद्दे का समाधान राजनयिक बातचीत और संयम के जरिए ही निकाला जाना चाहिए। उन्होंने सभी संबंधित पक्षों से आह्वान किया कि वे शांति बनाए रखें और तनाव को और अधिक न बढ़ाएं।

निष्कर्ष:
G7 का यह बयान स्पष्ट संकेत है कि विश्व शक्तियां अब पश्चिम एशिया में युद्ध की संभावना को गंभीरता से ले रही हैं। अगर स्थिति नहीं संभली, तो इसका असर न केवल क्षेत्रीय सुरक्षा बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी पड़ सकता है।

Exit mobile version