
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा हाल ही में भारत और ब्राज़ील पर लगाए गए भारी टैरिफ के फैसले के बाद वैश्विक स्तर पर प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं। ऐसे में भारत को उस वक्त बड़ी कूटनीतिक राहत मिली जब ब्राज़ील के राष्ट्रपति लुइस इनासियो लूला दा सिल्वा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर इस फैसले के खिलाफ खुला समर्थन जताया। दोनों नेताओं ने न सिर्फ अमेरिका के एकतरफा फैसले की आलोचना की, बल्कि मुक्त और न्यायपूर्ण वैश्विक व्यापार व्यवस्था के समर्थन में एकजुट होने की बात भी कही।
ट्रंप के टैरिफ फैसले का पृष्ठभूमि:
हाल ही में ट्रंप प्रशासन ने भारत और ब्राज़ील से आने वाले उत्पादों पर 50 प्रतिशत तक का आयात शुल्क लगाने की घोषणा की। उनका आरोप था कि ये दोनों देश रूस से तेल और अन्य वस्तुएं खरीद रहे हैं, जिससे अमेरिकी प्रतिबंधों को चुनौती मिल रही है। इस कदम को ‘टैरिफ बम’ कहा जा रहा है, जो कि विश्व व्यापार नियमों के खिलाफ माना जा रहा है। भारत ने इसे ऊर्जा सुरक्षा का सवाल बताते हुए अनुचित और अन्यायपूर्ण करार दिया है।
मोदी-लूला बातचीत की अहम बातें:
7 अगस्त 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्राज़ील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा के बीच टेलीफोन पर एक महत्वपूर्ण वार्ता हुई। इस बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने ट्रंप के टैरिफ फैसले पर नाराज़गी जताई और इसे व्यापारिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की कोशिश बताया।
राष्ट्रपति लूला ने यह स्पष्ट किया कि वह इस मुद्दे पर सीधे ट्रंप से बात नहीं करेंगे, बल्कि उन्होंने पीएम मोदी को प्राथमिकता दी है। लूला ने कहा कि भारत और ब्राज़ील जैसे विकासशील देशों को एकजुट होकर ऐसी नीतियों का सामना करना चाहिए जो उनके आर्थिक विकास में बाधा डालती हैं।
वैश्विक व्यापार और बहुपक्षवाद पर चर्चा:
दोनों नेताओं ने यह स्वीकार किया कि मौजूदा वैश्विक व्यापार प्रणाली पर खतरा मंडरा रहा है। उनका मानना है कि एकतरफा फैसले, जैसे कि टैरिफ बढ़ोतरी, न केवल नियमों का उल्लंघन हैं बल्कि इससे वैश्विक स्थिरता पर भी असर पड़ता है। मोदी और लूला ने बहुपक्षीय ढांचे को मजबूत करने, WTO जैसे संस्थानों को सशक्त बनाने और विकासशील देशों की आवाज को वैश्विक मंचों पर बुलंद करने की आवश्यकता जताई।
द्विपक्षीय सहयोग पर भी ज़ोर:
बातचीत सिर्फ अमेरिका विरोध तक सीमित नहीं रही। भारत और ब्राज़ील ने अपने आपसी संबंधों को भी और मज़बूत करने का फैसला किया है। उन्होंने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 20 अरब डॉलर से अधिक करने का लक्ष्य तय किया है। साथ ही ऊर्जा, कृषि, रक्षा, हेल्थटेक, फिनटेक, डिजिटल भुगतान और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने पर सहमति जताई।
खासतौर पर डिजिटल भुगतान सिस्टम पर चर्चा हुई, जिसमें भारत का UPI और ब्राज़ील का PIX शामिल हैं। दोनों देशों ने इन तकनीकों को जोड़ने और दूसरे विकासशील देशों में इन्हें लागू करने की योजना पर काम करने की इच्छा जताई।
रणनीतिक संदेश:
लूला-मोदी वार्ता सिर्फ दो देशों के बीच की कूटनीति नहीं है, बल्कि यह एक रणनीतिक संदेश भी है कि विकासशील राष्ट्र अब अमेरिकी वर्चस्व को चुनौती देने के लिए एकजुट हो रहे हैं। BRICS और G20 जैसे मंचों पर भारत और ब्राज़ील की सक्रियता इसका प्रमाण है।