गाजियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन स्थित ऑरा चिमेरा सोसाइटी में एक सनसनीखेज व दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है, जहाँ किराया वसूलने गई मकान मालकिन दीपशिखा शर्मा (48) की उसके किरायेदारों द्वारा बेरहमी से हत्या कर दी गई। पुलिस के अनुसार, आरोपी अजय गुप्ता और आकृति गुप्ता नामक दंपति ने पेट के चार-पांच महीने का बकाया किराया न देने के कारण दीपशिखा से विवाद किया और उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद दोनों पति-पत्नी शव को टुकड़ों में काटकर एक सूटकेस में भरने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन सोसाइटी की घरेलू सहायिका मीना की सतर्कता के कारण उनका चाल ढाला पकड़ा गया।
पुलिस को जब दीपशिखा के वापस न आने की सूचना मिली, तब उन्होंने सीसीटीवी फुटेज खंगालकर देखा कि दीपशिखा उस रात साफ़ तौर पर सोसाइटी में किरायेदारों के घर गई थी, लेकिन बाहर नहीं निकली। इसी बीच, संदिग्ध रूप से वही दंपति एक बड़ी सूटकेस लेकर सोसाइटी से बाहर निकलते दिखाई दिए। मिलकर जवाब देने पर उन्होंने आत्मरक्षा दिखाने की कोशिश की, लेकिन सहायिका और आसपास के लोगों के दबाव में दोनों को रोका गया और पुलिस को बुलाया गया।
पुलिस जब अजय और आकृति के फ्लैट की तलाशी लेने पहुंची, तो एक बड़े सूटकेस के अंदर से मृतिका का शरीर बरामद हुआ।
बकाया करीब ₹90,000 बताया जा रहा है, जिसे लेकर दीपशिखा किराया वसूलने गई थीं। आरोपियों ने शुरुआती पूछताछ में बताया कि किराया न देने की वजह से आम तौर पर दोनों के बीच झगड़ा हुआ करता था। हत्या के समय दोनों ने मिलकर गला दबाकर और अन्य हिंसक तरीके से उसकी हत्या कर दी। मृतका के शरीर को टुकड़ों में काटकर सूटकेस में रखा गया था, ताकि वह इसे ठिकाने लगा सकें, लेकिन साथी मेद ने रास्ता रोका और पुलिस को सूचित किया।
घटना के बाद स्थानीय पुलिस ने थाना नंदग्राम क्षेत्र में FIR दर्ज कर अधिक सख्त धाराओं के तहत गिरफ्तारी कर ली है। इस हत्या कांड ने पूरे सोसाइटी और आसपास के निवासियों में भय का माहौल उत्पन्न कर दिया है। स्थानीय लोग यह कहते हुए भयावहता व्यक्त कर रहे हैं कि इस तरह के विवाद कितनी तेजी से जीवन को हिंसक रूप में बदल सकते हैं। पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है और दोनों आरोपी दंपति से विस्तृत पूछताछ जारी है, ताकि इस पूरी घटना के असली कारणों और संभावित अन्य जुर्मों का पता लगाया जा सके।
इस प्रकार का क्रूर मामला न सिर्फ कानून व्यवस्था पर सवाल उठाता है बल्कि मकान मालिक और किरायेदार के बीच चलने वाले नागरिक और कानूनी संबंधों की रक्षा की आवश्यकता को भी उजागर करता है, ताकि ऐसे भयावह अपराधों को रोका जा सके और न्याय सुनिश्चित किया जा सके।
