
मुख्यमंत्री पटेल को छोड़कर गुजरात की सभी 16 मंत्रियों ने दिया इस्तीफा
गुजरात की राजनीति में आज एक महत्वपूर्ण भूचाल आ गया है — राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को छोड़कर मंत्रिमंडल के सभी 16 मंत्री ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है। इस सामूहिक इस्तीफा को राज्य सरकार की बड़ी कैबिनेट फेरबदल की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है।
यह कदम विशेष रूप से उस समय सामने आया है जब गुजरात में नगर निकाय चुनावों की तैयारियाँ जोरों पर हैं। कई समाचार एजेंसियों की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह रणनीति बीजेपी की ओर से सत्ता विरोधी लहर को रोकने और नए चेहरे सामने लाने की दिशा में की गई एक राजनीतिक “सर्जरी” है।
मुख्यमंत्री पटेल ने मंत्रियों के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है और नई कैबिनेट की शपथ ग्रहण की प्रक्रिया शुक्रवार को सुबह 11:30 बजे निर्धारित की गई है। कहा जा रहा है कि इस दौरान कई पुराने मंत्रियों को विदाई दी जाएगी और नए चेहरे शामिल होंगे।
मंत्रियों के इस सामूहिक इस्तीफे का कारण संगठन की मजबूती, सामाजिक और जातिगत संतुलन, जिलेवार प्रतिनिधित्व को बेहतर करना तथा आगामी चुनाव नज़दीक आने की वजह से झुठलाए न जाने वाले संकेत देना बताया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, 7–10 मंत्रियों को अपनी जगह बनाए रखने की संभावना है जबकि शेष पदों को नए सदस्यों से भरा जाएगा।
बीजेपी के राज्य नेतृत्व और केंद्रीय नेतृत्व दोनों को शामिल करते हुए इस प्रक्रिया को संवेदनशीलता से अंजाम दिया गया — राज्य अध्यक्ष जगदीश विश्वकर्मा और संगठन सचिवों की भागीदारी इस बदलाव में नजर आई।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम पार्टी के लिए एक नया संवाद स्थापित करने, पुराने समीकरणों को पुनर्संतुलित करने और विपक्ष को चौंका देने की रणनीति हो सकती है। यदि नए मंत्रियों का चयन समय रहते और संतुलित ढंग से नहीं हुआ तो आंतरिक असंतोष और प्रतिरोध भी बढ़ सकते हैं।
अब यह देखना होगा कि नई कैबिनेट में कौन-कौन शामिल होते हैं, किन मंत्रियों को वापिस जगह मिलती है, और इस फेरबदल का असर गुजरात की राजनीति और प्रशासन पर किस तरह पड़ता है।



