हरदोई से बड़ी खबर सामने आई है जहाँ एक 11वीं क्लास के छात्र के साथ उसकी कॉलेज की दूसरी क्लास के दौरान कथित तौर पर शिक्षक और कॉलेज प्रशासन द्वारा मार-पीट की गई। मामला इतना गंभीर है कि वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। पढ़िए पूरी घटना:
घटना क्या हुई:
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छात्र लंच टाइम के दौरान दूसरी क्लास में बैठा था। शिक्षक इससे नाराज हुए और क्लासरूम से बाहर खींचकर उसे पकड़ लिया गया। वहाँ लात-घूंसे से उससे मारपीट की गई।
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इसके बाद अन्य शिक्षक इकट्ठे हुए और छात्र को प्रिंसिपल ऑफिस में ले जाकर वहां भी जमकर पीटा गया।
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बताया जा रहा है कि प्रिंसिपल ऑफिस में छात्र को “मुर्गा” बनाकर भी शारीरिक दंड दिया गया।
 
किया गया क़दम:
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छात्र के परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
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पुलिस ने इस मामले में तीन नामजद और दो अज्ञात शिक्षकों के खिलाफ FIR दर्ज की है।
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बताया गया है कि आरोपी शिक्षकों ने धमकी भी दी कि शिकायत करने पर छात्र का भविष्य ख़राब कर दिया जायेगा।
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अभी मामले की जांच चल रही है, पुलिस आरोपितों की पहचान कर कार्रवाई करने की कोशिश कर रही है।
 
कानूनी स्थिति और महत्व:
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भारत में स्कूल या कॉलेज में किसी छात्र को शारीरिक दंड देना गैरकानूनी माना जाता है। Education laws एवं भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराएँ ऐसे व्यवहार को अपराध मानती हैं।
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छात्र या उसके अभिभावक ऐसे मामलों में पुलिस से शिकायत कर सकते हैं। दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
 
संभावित असर:
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इस तरह की घटनाएँ शिक्षा संस्थानों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाती हैं।
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छात्रों में भय और मानसिक दबाव बढ़ सकता है, जिससे वे अपनी पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाते।
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सामाजिक और कानूनी जिम्मेदारी की माँग बढ़ेगी कि स्कूल-कॉलेज अपनी डीसिप्लिनरी पॉलिसी स्पष्ट रखें और ऐसा व्यवहार न हो।
 
