
हरियाणा में पिछले कुछ दिनों से जारी मूसलाधार बारिश ने कई जिलों—विशेषकर अंबाला, भूना और लाडवा—में तबाही मचा दी है। इस आपदा ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है और राज्य सरकार एवं आपदा प्रबंधन विभागों की तैयारियों की परीक्षा ले रहा है।
1. भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति
बारिश के चलते नदी-नालों में उफान आया है। अंबाला और भूना में घरों, स्कूलों, अस्पतालों और कॉलोनियों में पानी घुस गया है। कई जगहों पर खेतों में फसलें भी डूब चुकी हैं।
तीन जिलों के ड्रेनों (ड्रेनों में दरारें) में दरार आ गई है, जिससे जल निकासी और नियंत्रण की परिस्थितियाँ और जटिल हो गई हैं।
लाडवा के तटबंध का टूटना विशेष चिंता का विषय है, क्योंकि इससे आसपास के इलाके जलमग्न हो गए हैं।
2. विशाल जनसंख्या प्रभावित और नुकसान का आकलन
हिसार, सिरसा और झज्जर में ड्रेन टूटने से जलभराव और फसलों को भारी क्षति हुई है।
अफराह-तफरी के बीच चार जिलों में लगभग 30 मकान ध्वस्त या क्षतिग्रस्त हुए, वहीं 8 लोगों की प्राणहानि हुई है।
नौ जिलों में स्कूलों में छुट्टियाँ घोषित करना पड़ा। लगभग 200 परिवारों को अपने घरों को छोड़ सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी। कुल 1,71,665 एकड़ से अधिक कृषि भूमि जलमग्न हो गई है।
3. बचाव एवं राहत कार्य
SDRF, NDRF, पुलिस, और स्थानीय प्रशासन सक्रिय हो गए हैं।
कई स्कूलों, आंगनवाड़ियों और सार्वजनिक स्थलों को अस्थायी आश्रय केंद्रों में परिवर्तित किया गया है, जहाँ प्रभावितों को भोजन, पानी और चिकित्सा मदद उपलब्ध कराई जा रही है।
4. सरकारी प्रतिक्रियाएँ ও आलोचनाएं
ऊर्जा व श्रम मंत्री अनिल विज ने दावा किया कि अंबाला कैंट की सुरक्षा एक 8 किलोमीटर लंबे तटबंध की बदौलत सुनिश्चित हुई। पानी का बहाव 38,000 क्यूसेक्स तक पहुंच गया था, लेकिन बड़ी तबाही टल गई। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि नदी बेड डीपिंग का काम बरसात से पहले पूरा नहीं हो सका था।
विपक्षी नेताओं ने प्रशासन की लापरवाही पर तीखा प्रहार किया। कांग्रेस नेताओं चित्रा सरवरा और रोहित जैन ने खराब इंफ्रास्ट्रक्चर, नॉन-ऑपरेटिव ड्रेनेज पंप और राहत कार्यों में देरी के लिए सरकार की आलोचना की। उन्होंने तत्काल राहत शिविर, प्रत्यक्ष सहायता तथा मुआवजे की मांग की।
5. मौसम की गंभीरता और भविष्य की चेतावनी
राज्य में भारी बारिश का स्तर सामान्य से क़रीब 821% अधिक रहा—विशेषकर हरियाणा में—जिससे भूना (लगभग 200 मिमी), खेड़ियालाब (170 मिमी), बाबैन (150 मिमी) सहित कई स्थानों पर रिकॉर्ड-तोड़ वर्षा दर्ज की गई।
मौसम विभाग ने पंजाब-हरियाणा में रेड अलर्ट जारी किया है और आगे की बारिश के चलते संभावित बाढ़ की चेतावनी भी दी है।



