
2 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में पर्यटकों पर हुए कायराना आतंकी हमले की जांच में एक गंभीर अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा संकट की ओर इशारा मिला है। इस हमले में शामिल तीन आतंकियों की पहचान की पुष्टि के बाद जो तथ्य सामने आए हैं, वे पाकिस्तान के आतंकवाद को संरक्षण देने के रवैये की एक और पुष्टि हैं।
मुख्य आरोपी: पूर्व पाकिस्तानी कमांडो
हमले में प्रमुख भूमिका निभाने वाले आतंकी हाशिम मूसा उर्फ आसिफ फौजी उर्फ सुलेमान के बारे में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। खुफिया सूत्रों के अनुसार, वह पाकिस्तान की स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) का प्रशिक्षित पूर्व पैरा-कमांडो था। उसे पाकिस्तानी सेना में रहते हुए “आसिफ फौजी” के नाम से जाना जाता था। यह जानकारी सीमा पार से प्रशिक्षित आतंकवाद की एक गहरी साजिश को दर्शाती है।
अन्य आतंकी और संगठन से जुड़ाव
हाशिम मूसा के अलावा दो अन्य आतंकियों की पहचान आदिल हुसैन ठोकर और ली भाई के रूप में हुई है। यह तीनों आतंकी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF)’ से जुड़े थे — जो प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) की एक छिपी शाखा है। इन आतंकियों ने पहलगाम से छह किलोमीटर दूर बैसरन में सेना की वर्दी पहनकर आम नागरिकों पर अचानक हमला किया, जिससे क्षेत्र में दहशत फैल गई।
हमले का मास्टरमाइंड और डिजिटल लिंक
जांच एजेंसियों ने इस हमले का मास्टरमाइंड सैफुल्लाह कसूरी उर्फ खालिद को माना है — जो कि लश्कर का वरिष्ठ आतंकी है और पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद व कराची में सक्रिय नेटवर्क से जुड़ा है। डिजिटल फोरेंसिक विश्लेषण ने आतंकियों के लोकेशन और संवाद को पाकिस्तान के सुरक्षित ठिकानों से लिंक किया है।
पुंछ हमले से जुड़ाव की आशंका
सुरक्षा एजेंसियां इस संभावना की जांच कर रही हैं कि क्या यही आतंकी ग्रुप दिसंबर 2023 में पुंछ में सेना के काफिले पर हमले में शामिल था, जिसमें एक सैनिक का शव क्षत-विक्षत अवस्था में मिला था। दोनों घटनाओं के हथियारों और रणनीति में समानता से यह संदेह और मजबूत हुआ है।
भेष बदलकर घातक हमला
पांच से छह आतंकवादी सेना जैसी वर्दी व कुर्ता-पायजामा पहनकर बैसरन के पास के घने जंगलों से आए और उनके पास AK-47 जैसे स्वचालित हथियार थे। अचानक की गई फायरिंग से पर्यटक दहशत में आ गए। हमले के बाद सुरक्षाबलों ने पूरे क्षेत्र में तलाशी अभियान शुरू कर दिया है और स्थानीय सहयोगियों पर भी कार्रवाई जारी है।
भारत की प्रतिक्रिया:
भारत सरकार ने इस पूरे मामले को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने की तैयारी कर ली है। यह घटना पाकिस्तान के आतंकवाद को लगातार समर्थन देने की नीति का स्पष्ट प्रमाण है। भारत ने एक बार फिर वैश्विक समुदाय से आतंकवाद के खिलाफ “जीरो टॉलरेंस” की नीति अपनाने का आह्वान किया है।