कुल्लू में लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन की वजह से यहां के हालात बेहद खराब हो गए हैं। बाढ़ की चपेट में आने के बाद पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति रुक गई है, जिससे कई पेट्रोल पंप संचालक तेल देना बंद कर चुके हैं। निजी बसें डीजल न मिलने से प्लेटफ़ॉर्म पर ही खड़ी हैं और दोपहिया वाहन चालक पेट्रोल की कतार में परेशान हैं—यद्यपि सड़कें दोनों ओर से खुली हैं, जनजीवन फिर भी ईंधन संकट की मार झेल रहा है। प्रशासन ने सभी पेट्रोल पंपों को आपातकालीन सेवाओं के लिए रिजर्व स्टॉक रखने का निर्देश दिया है और जमाखोरी को रोकने की कड़ी चेतावनी जारी की है। वहीं घरेलू गैस आपूर्ति अभी भी नियमित है, बुकिंग के आधार पर सिलेंडर समय पर मिल रहे हैं।
इतना ही नहीं, पिछले चार-पांच दिनों से दूध, पनीर, दही, ब्रेड, मक्खन, सब्जियाँ और अखबार की आपूर्ति पूरी तरह ठप पड़ी हुई है। शहर को दूध आपूर्ति करने वाला मुख्य इलाका—लगवैली—भी बंद पड़ा है, और केवल पाहनाला क्षेत्र से ही सीमित मात्रा में दूध मिल रहा है, जो जरूरतों को पूरा करने में काफी कम पड़ रहा है।
स्थानीय निवासी बताते हैं कि पेट्रोल न मिलने की वजह से उन्होंने अपनी गाड़ियाँ खड़ी कर दी हैं। कुल्लू से भुंतर-बजौरा मार्ग पर बसें हटाने वाली डिस्ट्रिब्यूशन का काम भी ठप हो गया है। बस ऑपरेटर संघ के अध्यक्ष ने बताया कि इस रूट की बस सेवा पूरी तरह रुक चुकी है, जिससे आवागमन और माल ढुलाई प्रभावित हो रही है।
