हिमाचल प्रदेश — हाल ही में हिमाचल प्रदेश में तूफ़ानी बारिश की पृष्ठभूमि में अचानक हुई बर्फबारी ने मौसम वैज्ञानिकों और स्थानीय समुदाय दोनों को आश्चर्यचकित कर दिया। यह बदलाव अचानक और अप्रत्याशित था, जिसने राज्य के कई हिस्सों में जनजीवन को प्रभावित किया।
मौसम का उलटफेर:
राज्य के ऊपरी इलाकों में मौजूद बादलों ने अचानक से गरज और बिजली के साथ तेज बारिश का रूप लिया, जिसके तुरंत बाद इन क्षेत्रों में बर्फबारी शुरू हो गई — एक विचित्र और दुर्लभ मौसम घटना।
प्रभावित क्षेत्र और चेतावनी:
मौसम विभाग (IMD) ने आठ में से कई जिलों के लिए भारी बारिश, बर्फबारी, बिजली और बिजली की गड़गड़ाहट सहित ज्वलंत मौसम के लिए Orange Alert जारी किया है, जो आगामी बदलते हालात की ओर इशारा करता है।
प्रभाव और व्यवधान:
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राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) की रिपोर्ट अनुसार, इस अप्रत्याशित मौसम परिवर्तन की वजह से 583 सड़कें, जिनमें 5 राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल हैं, बंद हो गई हैं। साथ ही, 2263 इलेक्ट्रिक डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मर (DTRs) क्षतिग्रस्त हो गए, जिससे बिजली सप्लाई बाधित हुई।
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कुछ जिलों में स्कूल-कॉलेजों को बंद करना पड़ा और लोगों को घरों में रहने की सलाह दी गई ताकि जोखिम से बचा जा सके।
प्राकृतिक और सामाजिक प्रभाव:
यह अचानक बदलाव न केवल पर्यटकों और स्थानीय निवासियों के लिए समस्या बन गया, बल्कि कृषि और बागवानी पर भी असर डाला। हालांकि कोई मुख्य खबर उपलब्ध नहीं है, पर पिछले मौसमी रिकॉर्ड बताते हैं कि हिमाचल जैसे राज्यों में बर्फ और बारिश दोनों ही खेती के लिए अहम हैं—बर्फ बर्फिक्ष्मकता बढ़ाती है और बारिश रबी फसलों को राहत देती है।
टूरिस्ट ट्रैफ़िक और चुनौतियाँ:
सैलानी, खासकर मणाली और आसपास के क्षेत्रों में, बर्फबारी और बारिश के बीच फंस गए थे—कुछ तो अटल सुरंग और सोलंग के बीच जाम हो गए।