
महाराष्ट्र में भाषा और पहचान को लेकर चल रहे विवाद के बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक नितेश राणे ने जोरदार बयान दिया है। उन्होंने सीधे तौर पर शिवसेना (UBT) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग मराठी भाषा के नाम पर हिंसक रवैया अपना रहे हैं, लेकिन क्या वे वही आक्रामकता मुसलमानों पर दिखा सकते हैं?
नितेश राणे ने कहा,
“क्या ये लोग जावेद अख्तर, आमिर खान, और गोल टोपी पहनने वालों पर मराठी थोप सकते हैं?”
उन्होंने आरोप लगाया कि मराठी के नाम पर हिंदू समाज को डराने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर कोई हिंदू बच्चा अंग्रेजी, हिंदी या अन्य भाषाएं सीखना चाहता है, तो क्या उसमें भी दिक्कत है? क्या इस तरह की भाषा की राजनीति से गरीब हिंदुओं के अधिकार छीने जा रहे हैं?
ठाकरे परिवार पर हमला
राणे ने शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे और उनके भाई आदित्य ठाकरे पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा,
“ठाकरे भाइयों के पिता को हिंदू धर्म से नफरत थी और अब ये दोनों हिंदू समाज को बांटने में लगे हैं।”
उन्होंने कहा कि ये लोग केवल राजनीतिक लाभ के लिए धर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं। उनका आरोप था कि आज की शिवसेना और मनसे का मकसद केवल हिंदुओं में दरार पैदा करना है।
जेवरात बाजार और मोहम्मद अली रोड का जिक्र
राणे ने मुंबई के कुछ खास इलाकों जैसे जेवरात बाजार और मोहम्मद अली रोड का जिक्र करते हुए दावा किया कि वहां पर हिंदुओं के साथ अन्याय हो रहा है। उन्होंने सरकार से मांग की कि इन क्षेत्रों में हो रही घटनाओं की जांच होनी चाहिए और अगर कोई हिंदुओं के खिलाफ खड़ा होता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
मराठी भाषा पर क्या कहा?
नितेश राणे ने स्पष्ट किया कि वे मराठी भाषा और संस्कृति के पक्षधर हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में मराठी को मजबूत होना चाहिए, लेकिन इसके नाम पर धर्म विशेष या गरीब वर्ग पर दबाव बनाना उचित नहीं है।
उन्होंने कहा,
“हम मराठी का सम्मान करते हैं, लेकिन धर्म और संस्कृति से समझौता नहीं करेंगे।”
हिंदू राष्ट्र की बात
नितेश राणे ने यह भी कहा कि वे हिंदू राष्ट्र के समर्थन में हैं और उनका मकसद इस्लामीकरण को रोकना है। उन्होंने कहा कि कुछ ताकतें भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन वे और उनके जैसे कार्यकर्ता हिंदुत्व और धर्म की रक्षा के लिए खड़े रहेंगे।