
बुर्किना फासो के राष्ट्रपति इब्राहीम ट्रोरे की एक हालिया जोशीली तकरीर ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है। इस तकरीर में उन्होंने पश्चिमी देशों के उपनिवेशवाद और अफ्रीकी नेताओं की ‘भिक्षाटन’ की मानसिकता की आलोचना की। उनके इस भाषण ने उन्हें अफ्रीकी राष्ट्रवाद का नया प्रतीक बना दिया है।
रूस-अफ्रीका शिखर सम्मेलन में इब्राहीम ट्रोरे की तकरीर
इब्राहीम ट्रोरे ने रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में आयोजित रूस-अफ्रीका शिखर सम्मेलन में एक प्रभावशाली भाषण दिया। उन्होंने अफ्रीकी नेताओं की आलोचना करते हुए कहा, “हमारे पास इतनी संपत्ति है, फिर भी हम दुनिया के सबसे गरीब महाद्वीप क्यों हैं?” उन्होंने अफ्रीकी नेताओं को ‘भिखारी’ करार देते हुए कहा कि वे दुनिया भर में भीख मांगने जाते हैं। ट्रोरे ने अफ्रीकी देशों को आत्मनिर्भर बनने की आवश्यकता पर जोर दिया।
पश्चिमी देशों के प्रति आलोचना
ट्रोरे ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि मैक्रों ने अफ्रीकी नेताओं का अपमान किया है और उन्हें धन्यवाद देना भूल गए हैं। ट्रोरे ने फ्रांस के अफ्रीका में सैन्य उपस्थिति को लेकर भी सवाल उठाए और कहा कि अब समय आ गया है कि अफ्रीकी देशों को अपनी सुरक्षा के लिए खुद जिम्मेदार होना चाहिए।
सोशल मीडिया पर ट्रोरे की बढ़ती लोकप्रियता
ट्रोरे की तकरीरें और उनके विचार सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। उनकी छवि एक युवा और साहसी नेता के रूप में उभर रही है, जो अफ्रीकी देशों की स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनकी लोकप्रियता में वृद्धि के पीछे उनके विचारों का प्रभाव और सोशल मीडिया का योगदान है।
निष्कर्ष
इब्राहीम ट्रोरे की जोशीली तकरीरें और उनके विचार अफ्रीकी राष्ट्रवाद की नई दिशा को दर्शाते हैं। उनकी आलोचनाओं और विचारों ने उन्हें एक प्रभावशाली नेता के रूप में स्थापित किया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि उनके विचार अफ्रीकी देशों की राजनीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को कैसे प्रभावित करते हैं।